कोसी-बेसिन परियोजना के अधिकारियों को निदेशक ने लगाई फटकार
1. अपराधी लूट रहे जनता की गाढ़ी कमाई, चार माह में 12 लूट - जिले में आपराधिक वारदात पर अंकुश लगाने में पुलिस की रणनीति विफल साबित हो रही है। अपराधी लगातार लूट की वारदात को अंजाम देकर जनता की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं। चार माह में एक दर्जन से अधिक लूट की वारदात हुई है। घटना एवं अपराध पर लगाम लगाने में पुलिस की रणनीति पर आधारित रिपोर्ट। शैलेश, पांच बजे 2. ब्लड सेपरेटर के अभाव में रेफर होते हैं डेंगू मरीज -सदर अस्पताल में डेंगू मरीज के इलाज के लिए ब्लड सेपरेटर नहीं है, साथ ही एलिजा जांच की व्यवस्था नहीं है। इस कारण से डेंगू मरीज के हालत बिगड़ते ही अन्य सेंटर पर रेफर कर दिया जाता है। डेंगू मरीज के मामला सामने आने के बाद भी अस्पताल प्रशासन की ओर से इस ओर कोई पहल नहीं दिख रहा है। दीपक शरण, चार बजे
पूर्णिया। कोसी बेसिन परियोजना में गति लाने का निर्देश पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के निदेशक विनोद गुजियाल एवं सचिव एन विजय लक्ष्मी ने संयुक्त रूप से दिया है। परियोजना की धीमी रफ्तार पर निदेशक ने परियोजना से जुड़े अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है तथा तीन को निलंबन की चेतावनी दी है। निदेशक एवं सचिव गुरूवार को समाहरणालय सभागार में परियोजना से जुड़े पांच जिलों के संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। अधिकारी द्वय ने योजना कार्य में गति लाने का निर्देश दिया है।
कोसी और सीमांचल के पांच जिलों में बाढ़ पीड़ितों एवं ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ते हुए आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्ल्ड बैंक के सहयोग से राज्य सरकार ने कोसी बेसिन परियोजना की शुरुआत की है। इस परियोजना के तहत पूर्णिया, अररिया, मधेपुरा, सहरसा और सुपौल जिले को शामिल किया गया है। उक्त जिलों में ग्रामीणों को प्रशिक्षण देकर रोजगार मुहैया कराने की योजना है। परियोजना के तहत ग्रामीणों को मुर्गी पालन, ब्लैक बंगाल नस्ल का बकरी पालन, कृषि मत्स्य पालन आदि का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्व रोजगार से जोड़ा जाना है। रोजगार के लिए लाभुकों को अनुदान भी दिए जाएंगे। मुर्गी पालन आदि के लिए सरकार ने 50 फीसद अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके लिए पशु पालन विभाग, गव्य विकास विभाग आदि को योजनाओं को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा परियोजना के संचालन के लिए उक्त सभी जिलों में लगभग चार दर्जन ब्लॉक मैनेजमेंट ट्रेनी की नियुक्ति भी की गई है। सभी ट्रेनी को विभिन्न रोजगार के लिए लाभुकों से आवेदन लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण परियोजना की गति काफी धीमी है।
पदाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के निदेशक एवं सचिव ने गुरूवार को जब परियोजना से जुड़े जिलों के पशु पालन पदाधिकारी, गव्य विकास अधिकारी आदि के साथ समीक्षा बैठक की तो अब तक का परिणाम काफी निराशाजनक पाया। कई विभागों द्वारा अब तक रोजगार के लिए एक भी आवेदन नहीं लिया गया था। वहीं बीएलसी का भी प्रदर्शन काफी खराब पाया गया। परियोजना का निराशाजनक परफोर्मेंस पर निदेशक ने ¨चता जताई। निदेशक विनोद गंजियाल ने सभी पशुपालन पदाधिकारी एवं परियोजना बीएलसी को कड़ी फटकार लगाई। वहीं तीन बीएलसी के नगण्य प्रदर्शन पर उन्हें निलंबन की चेतावनी दी। कहा कि एक सप्ताह के अंदर अगर वे लक्ष्य के अनुरूप लाभुकों से आवेदन लेने में सफल नहीं हुए तो उन्हें निलंबित कर दिया जायेगा।
योजना कार्य में तेजी लाने का दिया निर्देश
निदेशक ने पशुपालन पदाधिकारी को भी योजना कार्य में तेजी लाने की कड़ी चेतावनी दी। निदेशक ने कहा कि वे एक स्प्ताह के बाद पुन: परियोजना की समीक्षा करेंगे। बैठक में एनडीडीबी के अधिकारी ,पूर्णिया, अररिया, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा के पशुपालन पदाधिकारी, गब्य विकास पदाधिकारी आदि मौजूद थे।
बकरी पालन केंद्र में बनने वाले फ्रोजेन सीमेन स्टेशन का किया निरीक्षण
पूर्णिया: पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के निदेशक विनोद गुंजियाल एवं सचिव एन. विजय लक्ष्मी के निर्देश पर बकरी पालन केंद्र में बनने वाले फ्रोजेन सीमेन स्टेशन का निरीक्षण गुरुवार को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अधिकारियों ने किया। अधिकारियों ने निर्माण स्थल का मुआयना किया तथा अधिकारियों को कई निर्देश दिए। उनके साथ पशुपालन व गव्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
एनडीडीबी के अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा। निर्माण स्थल पर लगे दो हजार से अधिक छायादार वृक्षों को स्थांतरित किए जाने के बाद वहां निर्माण कार्य शुरू होगा। उन्होंने बताया कि 25 अक्टूबर तक बाउंड्री वाल का निर्माण शुरू हो जायेगा। बाउंड्री वाल के लिए चार करोड़ 57 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं।
गव्य विकास योजना का निरीक्षण करने अलीनगर पहुंची सचिव
पूर्णिया: पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की सचिव गव्य विकास योजना का निरीक्षण करने गुरुवार को अलीनगर पहुंची। उक्त गांव में करीब दर्जन भर आदिवासी महिलाएं गाय पालन कर अपनी जीविका चला रही हैं। सचिव एन विजय लक्ष्मी ने महिलाओं को रोजगार के लिए प्रेरित किया। ज्ञात हो कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद आदिवासी परिवारों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो गया। आदिवासी बहुल अलीनगर गांव में भी अधिकांश महिला पुरूष शराब के धंधे से जुडे थे जिससे शराबबंदी के बाद उनके चूल्हे बंद हो गये। तब गव्य विकास योजना के तहत महिलाओं को 50 फीसद अनुदान पर गाय मुहैया करायी गयी जिससे आज वे डेयरी प्रोजेक्ट चला कर अपनी जीविका सकुशल चला रही हैं।
सचिव एन. लक्ष्मी ने उन आदिवासी महिलाओं से मुलाकात की जिन्होंने शराब छोड़ गाय पालन शुरू किया है। उन्होंने उनका हौसला अफजाई करते हुए उन्हें और आगे बढ़ने को प्रेरित किया। उन्होंने गव्य विकास अधिकारी सूबेदार ¨सह को और अधिक गाय अनुदान पर देने का निर्देश गांव वासियों को दिया।