बेबी फ्रेंडली बनेंगे जिले के तीन अस्पताल
पूर्णिया। स्तनपान को बढ़ावा देने और शिशु के समुचित देखभाल के लिए जिले के तीन अस्पतालों को बेब
पूर्णिया। स्तनपान को बढ़ावा देने और शिशु के समुचित देखभाल के लिए जिले के तीन अस्पतालों को बेबी फ्रेंडली बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें सदर अस्पताल के साथ बनमनखी और धमदाहा अनुमंडलीय अस्पताल शामिल है।
मां (मदरर्स एबसोल्यूट एफेक्सन) के अंतर्गत बेबी फ्रेंडली कार्यक्रम को चलाया जा रहा है। दरअसल बच्चों को कुपोषण और बीमारियों से बचाने के लिए जन्म के पहले घंटा से मां का दूध पिलाना चाहिए। अभी बड़ी संख्या स्तनपान से शिशु वंचित रह जाते हैं। इसके लिए अब मां कार्यक्रम के अंतर्गत बेबी फ्रेंडली अस्पताल तैयार किया जा रहा है। सदर अस्पताल में मॉडल लेबर रूम, कंगारू केयर यूनिट सह परामार्श केंद्र, नवजात गहन चिकित्सा कक्ष का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा अनुमंडल अस्पताल में भी मॉडल लेबर रूम और ओटी तैयार हो चुका है और अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
नवजात को सुरक्षा प्रदान करना
नवजात को शुरुआती दिनों की देखभाल बहुत जरूरी होती है। अस्पताल को शतप्रतिशत बेबी फ्रेंडली बनाना इसका इसका मकसद है। जन्म के बाद सभी सुविधा प्रदान करना और उसका फोलोअप भी करना शामिल है। इसके अंतर्गत संक्रमण रहित प्रसव कक्ष, जन्म के बाद होने वाली देखभाल और टीकाकरण, स्तनपान गृह व परामर्श केंद्र आदि मुहैया कराया जाएगा। यूनीसेफ के सहयोग से इस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसे सभी सरकारी अस्पतालों में लागू करने की योजना है।
प्रत्येक तीन माह में होगा आकलन
सुविधाओें का प्रत्येक तीन माह पर आकलन होगा कि यह कितना बेबी फ्रेंडली बना पाया है। सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके अंतर्गत माताओं की नियमित बैठक, सुविधाओं और जानकारी प्रदान की जाएगी। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से बच्चे तक संपर्क किया जाएगा। नवजात बच्चे का नियमित फोलोअप होगा। इसके लिए आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षित किया जाएगा।
सुविधाओं का होगा विस्तार
इस कार्यक्रम के अंतर्गत चिह्नित अस्पतालों में संक्रमण रहित लेबर रूम और ओटी के अलावा दक्ष स्टाफ नियुक्त किए गए हैं। जन्म के बाद टीकाकरण, स्तनपान सह परामर्श केंद्र, परेशानी होने पर शिशु गहन चिकित्सा कक्ष आदि कि सुविधा उपलब्ध होगी। बच्चे को घर लेकर जाने के बाद भी फील्ड की आशा कार्यकर्ता के माध्यम से फोलोअप किया जाएगा।
शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है मकसद
इसके अंतर्गत बेबी फ्रेंडली अस्पताल इंसिएटिव का पोस्टर भी लगाया जाएगा। स्ट्रीट थियेटर पपेट शॉ फॉर परफॉर्मेस गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। प्रखंड स्तर पर यह गतिविधि होगी।
घोषणा के बाद मिलेगा अवार्ड
कार्ययोजना को निश्चित अवधि तक लागू किया जा रहा है। उसके बाद तिमाही आधार पर आकलन होगा और मापदंड पर खरा उतरने पर बेबी फ्रेंडली अस्पताल घोषित किया जाएगा साथ ही अवार्ड प्रदान किया जायेगा।
कोट के लिए -
अस्पताल को बेबी फ्रेंडली बनाने के लिए सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। मॉडल लेबर रूम और ओटी पहले ही इन अस्पताल में मौजूद हैं।
डॉ. मधुसूदन प्रसाद, सिविल सर्जन