शव वाहन नहीं मिलने के मामले में दोषी कौन, उठ रहे सवाल
पूर्णिया। शव वाहन नहीं मिलने के मामले में ऑन ड्यूटी डॉ. एसके वर्मा के निलंबन वापसी के बाद बड़ा सवाल उठ रहा है कि इसमें दोषी कौन हैं।
पूर्णिया। शव वाहन नहीं मिलने के मामले में ऑन ड्यूटी डॉ. एसके वर्मा के निलंबन वापसी के बाद बड़ा सवाल उठ रहा है कि इसमें दोषी कौन हैं। दो जून को शव वाहन नहीं मिलने की स्थिति में मृतका सुशीला देवी के परिजन को सदर अस्पताल से 20 किमी शव को बाइक पर लाद कर ले जाना पड़ा था। मामला प्रकाश में आने के बाद चार जून को आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग ऑन ड्यूटी मेडिकल अधिकारी डॉ. एसके वर्मा को निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में जिला पदाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग ने जांच दल गठित किया था। मामले में सिविल सर्जन डॉ. एमएम वसीम, डीपीएम ब्रजेश कुमार, प्रभारी डीएस डॉ. ए अहद, हेल्थ मैनेजर ¨सपी चौधरी से स्पष्टीकरण मांगा गया था। विभाग द्वारा केवल चिकित्सक पर कार्रवाई की गई थी जिसे 20 दिनों बाद वापस ले लिया गया है।
ये उठ रहे हैं बड़े सवाल
-मानवाधिकार और मानवता को तार-तार करने वाली इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में आखिर दोषी कौन है
-अगर कोई गुनहगार है तो उसपर कार्रवाई के लिए और कितना समय इंतजार करना होगा।
-केवल डॉक्टर का ही निलंबन क्यों हुआ। व्यवस्था चलाने वाले और उसका प्रबंधन करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई
मानवता को शर्मसार करने वाली घटना
इस मामले में जिला पदाधिकारी ने जांच टीम गठित किया था जिसकी रिपोर्ट विभाग को भेज दी गई है। इसे गंभीर और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना मानते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य स्वास्थ्य सचिव से रिपोर्ट तलब किया जिसके बाद डीएम ने मामले की जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य सचिव को भेजा। चिकित्सक को गुनहगार मानते हुए निलंबन वापसी के बाद उस समय आनन -फानन में लिए गए फैसले पर भी सवाल उठ रहे हैं। भासा के राज्य सचिव ने भी चिकित्सक के निलंबन पर तीन सदस्यीय टीम गठित की थी जिसने सदर अस्पताल पहुंच कर जांच के बाद प्रदेश कमेटी को रिपोर्ट सौंप दी थी। भासा ने भी चिकित्सक के निलंबन को गलत माना था। शव वाहन उपलब्ध कराने अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी है।