म्यांमार से लाकर हथियारों की खेप नक्सलियों को की जाती थी आपूर्ति
पूर्णिया। म्यांमार सेना के अत्याधुनिक हथियारों की खेप नागालैंड के रास्ते लाकर बिहार एवं झारखंड
पूर्णिया। म्यांमार सेना के अत्याधुनिक हथियारों की खेप नागालैंड के रास्ते लाकर बिहार एवं झारखंड के हार्डकोर नक्सलियों को आपूर्ति की जाती थी। इस बात का उद्भेदन पूर्णिया पुलिस की गिरफ्त में तीनों हथियार तस्कर ने किया है। पकड़ में आए तीनों हथियार तस्कर 16 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर है और हर दिन पूछताछ में नए राज उगल रहे हैं। पकड़ में आए हथियार तस्करों के तार म्यांमार व नक्सलियों से जुड़ने के बाद एनआइए की टीम भी पूछताछ के लिए पू्र्णिया पहुंच गई है और हथियार तस्करी के संबंध में उनसे पूछताछ कर रही है।
मुख्य सरगना की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित
बताया जाता है कि हथियार तस्करी के बढ़ते दायरे को देखते हुए एनआइए इस मामले को अपने पास ले सकती है। मामले की जांच कर रही पूर्णिया पुलिस ने पूछताछ के बाद इसके मुख्य सरगना मुकेश सिंह एवं संतोष सिंह की गिरफ्तारी के लिए बायसी डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया है। यह टीम जल्द ही पटना सहित अन्य शहरों में इनके ठिकानों पर छापेमारी करेगी। सात फरवरी को पूर्णिया पुलिस ने जिस वाहन को जब्त किया था उससे 1800 कारतूस के अलावा एक एके 47 एवं दो यूबीजीएल (अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर) बरामद किया गया था।
चोरी के वाहनों का होता है प्रयोग
पकड़े गए तस्करों ने पूछताछ में हथियार तस्करी के संबंध में कई अहम राज उगले हैं। इन तस्करों ने बताया है कि म्यांमार सेना से अत्याधुनिक हथियारों की खेप हासिल कर फिर उसे मुकेश एवं संतोष वाहनों से पटना लाते थे। उसके बाद नक्सली संगठनों के पास इनकी आपूर्ति की जाती थी। नागालैंड से हथियारों की खेप तस्कर अपने एजेट के माध्यम से भेजते थे। इसके लिए चोरी के वाहन का उपयोग किया जाता था। तस्करों के अनुसार हर माह हथियार और कारतूस की बड़ी खेप नागालैंड से लाकर उसे यहां खपाया जाता था।
कॉल डिटेल से भी मिल रही जानकारी
घटना के बाद से मुकेश एवं संतोष जिस मोबाइल फोन का उपयोग हथियार लाने वाले तीनों तस्करों से बातचीत में कर रहे थे। इनके पकड़ में आने के बाद से वे मोबाइल नंबर बंद है। मगर इन मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल ने पुलिस को हथियार तस्करी से जुड़े कई अहम राज उपलब्ध करा दिया है। पूर्णिया पुलिस कह गिरफ्त में तस्कर सूरज, वीआर कहोरनगम व क्लीयरसन कावो ने बताया कि वे लोग एनएससीएन व आइएम संगठन जो म्यांमार आर्मी से संबंध रखता है। वहां से आधुनिक हथियार की खरीदारी कर बिहार लाते थे और पटना व आरा में सप्लाई करते थे। इसके अलावा यूपी के गोरखपुर का सूरज भी विगत कई वर्षो से नागालैंड में रहकर हथियारों की तस्करी करता है।
पुलिस की उड़ी नींद
पकडे़ गए हथियार तस्करों के बयान ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। हथियार तस्कर नागालैंड से हथियार की खेप लाने के बाद वाट्सएप के माध्यम से उसका सौदा तय करते थे और उसके बाद निर्धारित ठिकाने पर उसकी डिलेवरी की जाती थी। अब पुलिस हथियार तस्करों के इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है। इसकी गंभीरता को देखते हुए बायसी डीएसपी को इस मामले का अनुसंधानकर्ता बनाया गया है।