या देवी सर्वभूतेषू शक्तिरूपेण संस्थिता.
सुपौल। या देवी सर्वभूतेषू शक्तिरूपेण संस्थिता. और खुल गया मैया का दरबार। मंगलार की सुबह पट
सुपौल। या देवी सर्वभूतेषू शक्तिरूपेण संस्थिता. और खुल गया मैया का दरबार। मंगलार की सुबह पट खुलते ही जगत जननी के अलौकिक और भव्य दर्शन को उमड़ पड़ा श्रद्धालुओं और भक्तों का जन सैलाब। दुर्गा सप्तशती के पाठ और मैया के भक्ति गीत से शहर का हर कोना मां दुर्गा की भक्ति में सराबोर हो गया। बड़ी दुर्गा स्थान, सार्वजनिक पूजा स्थल गांधी मैदान और माल गोदाम स्थित दुर्गा मंदिर पर सुबह 6 बजे से ही महिलाओं की लंबी कतार देखी गई। मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के उपासना का विशेष महत्व है। कालरात्रि अर्थात जिनका रूप विकराल है, जिनकी आकृति और विग्रह कमल स²श्य है और भयानक अट्टहास करने वाली है, वे कालरात्रि देवी दुर्गा मंगल प्रदान करें। कहा जाता है कि कालरात्रि के रूप में दुर्गा का वाहन गदहा है और भगवती इस रूप में उपर उठे हुए दाहिने हाथ की वर मुद्रा से सभी को वर प्रदान करती है। बड़ी दुर्गा स्थान में सुबह 7 बजे से आरंभ हुई भगवती की पूजा-अर्चना के साथ दोपहर छागों की बलि भी दी गई। मां दुर्गा के उपासकों ने सुबह नगर परिक्रमा की और मंत्रोच्चारण के बीच माता का आह्वान किया। बड़ी दुर्गा स्थान समेत सार्वजनिक पूजा स्थल, गांधी मैदान और माल गोदाम में सुबह से ही भक्तों ने भगवती के दर्शन किए और चढ़ावा चढ़ाया। जिले के अन्य जगहों से भी मंदिरों में श्रद्धालुओं के उमड़ पड़ने की सूचना प्राप्त हुई है।