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सर्दी के मौसम में जीएमसीएच के ओपीडी में बढ़ रही है भीड़

जागरण संवाददाता पूर्णिया राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के ओपीडी में काफी भीड़ ब

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 07:05 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:05 PM (IST)
सर्दी के मौसम में जीएमसीएच के ओपीडी में बढ़ रही है भीड़
सर्दी के मौसम में जीएमसीएच के ओपीडी में बढ़ रही है भीड़

जागरण संवाददाता, पूर्णिया : राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के ओपीडी में काफी भीड़ बढ़ गई है। वरिष्ठ चिकित्सक डा. एनके झा ने बताया कि इस मौसम में फ्लू के मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। बच्चों में कोल्ड डायरिया के भी मामले बढ़ जाते हैं। ओपीडी पहुंचने वाले में अधिक भीड़ मेडिसिन विभाग में ही होती है। 70 फीसद मरीज इसी विभाग में पहुंचते हैं। सोमवार को ओपीडी में लंबी कतार थी। लोग कोरोना प्रोटोकोल का भी पालन नहीं कर रहे थे। महिला पर्ची काउंटर हो या पुरुष पर्ची काउंटर दोनों जगहों पर काफी भीड़ थी।

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धूप अच्छी निकलने के कारण भी सोमवार को ओपीडी में भीड़ अधिक थी। पिछले कई दिनों से ओपीडी में अचानक मरीजों की संख्या काफी घट गई थी। यहां पर रोजाना 600 से 700 पहुंचते हैं। यह संख्या कम हो कर तीन सौ के आसपास हो गई थी। यह संख्या एक बार फिर बढ़ गई है। मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है। भीड़ -भाड़ होने के कारण किसी तरह का शारीरिक दूरी का ख्याल नहीं रखा जाता है। पर्ची काउंटर से लेकर दवा वितरण केंद्र और चिकित्सक कक्ष के पास सभी जगह भीड़ रहती है। नियमित टीकाकरण केंद्र में सुबह -सुबह काफी भीड़ जुटती है। जीएमसीएच के अधीक्षक डा. विजय कुमार ने बताया कि अस्पताल में एआरवी इंजेक्शन की कमी हो गई थी वह आ गया है। अब डाग बाइट का इंजेक्शन अस्पताल में जिसको भी आवश्यकता होगी पड़ेगा। हाल के दिनों में इसकी स्टोर में कमी के कारण मरीजों को नहीं मिल रही थी। सर्दी के मौसम में निमोनिया के बढ़ जाते हैं मरीज

सर्दी के मौसम में शिशुओं में निमोनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमण के इस दौर में नवजात शिशुओं में निमोनिया का संक्रमण उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। पांच वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। धुआं या मच्छर को भगाने के लिए अगरबत्ती का प्रयोग किया जाता है। यह सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। । मौसम में नवजात शिशुओं को गर्मी देने के लिए आग का सहारा भी लिया जाता हैं। जिस कारण आग जलने से धुआं निकलता है। जो बच्चों में निमोनिया का कारण भी बनता है। नियमित टीकाकरण केंद्र पर भीड़

नवजात शिशुओं में निमोनिया जैसी बीमारियों से बचाने के लिए पीसीवी का टीका दिया जाता है। पेंटावेलेंट और मीजिल्स का भी टीका निमोनिया रोकथाम में काफी मददगार साबित होता है। बच्चों को सभी टीके समय पर लगवाना चाहिए। पोषण भी निमोनिया रोकथाम में कारगर होता है। निमोनिया से बचने के लिए नवजात शिशुओं को हमेशा टोपी, मोजे व गर्म कपड़े पहनाकर रखना चाहिए। उल्टी, दस्त या बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

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