Move to Jagran APP

सीमांचल के साइबर ठग आपकी रजिस्ट्री डाउनलोड कर निकाल रहे फिंगर प्रिंट, आधार कार्ड की मदद से लगा रहे चूना

Seemanchal Cyber Criminals Using Finger Print and Aadhar सीमांचल के साइबर अपराधियों का आतंक अब दक्षिण भारत के राज्यों में भी सिर चढ़कर बोल रहा है। नकली फिंगर प्रिंट तैयार कर खातों से रुपये उड़ाने वाला यह गिरोह अब ट्रांजक्शन एप से भी रुपये उड़ाने में माहिर हो चुका है।

By Prakash VatsaEdited By: Ashish PandeyPublished: Thu, 23 Feb 2023 05:56 PM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2023 05:56 PM (IST)
सीमांचल के साइबर ठग आपकी रजिस्ट्री डाउनलोड कर निकाल रहे फिंगर प्रिंट, आधार कार्ड की मदद से लगा रहे चूना
आपके आधार कार्ड और फिंगर प्रिंट की मदद से ट्रांजैक्शन एप से रुपये उड़ाने में माहिर सीमांचल का साइबर गिरोह।

प्रकाश वत्स/जागरण संवाददाता, पूर्णिया। नेपाल व बांग्लादेश की सीमा पर बसे पूर्णिया प्रमंडल (सीमांचल) में साइबर अपराधियों का संजाल लगातार गहराता जा रहा है। इन साइबर अपराधियों का आतंक अब दक्षिण भारत के राज्यों में भी सिर चढ़कर बोल रहा है। पुलिस की गिरफ्त में आए गिरोह के सदस्य नित्य नए राज खोल रहे हैं और पुलिस की जांच भी लगातार नई दिशा की ओर बढ़ रही है। किसी भी व्यक्ति का आधार कार्ड व फिंगर प्रिंट प्राप्त कर उससे नकली फिंगर प्रिंट तैयार कर खातों से रुपये उड़ाने वाला यह गिरोह अब लोगों द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले ट्रांजक्शन एप से भी रुपये उड़ाने में माहिर हो चुका है।

loksabha election banner

अलग-अलग किरदार में होते हैं गिरोह के सदस्य

पुलिस की अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि इस गिरोह के हर सदस्य अलग-अलग किरदार में होते हैं। इसमें पहला कार्य किसी भी व्यक्ति का आधार कार्ड व उसका फिंगर प्रिंट उपलब्ध करना होता है। इसके लिए अलग-अलग राज्यों के भूमि एवं राजस्व विभाग की वेबसाइट को निशाना बनाया जाता है। यह साइबर ठग वेबसाइट से किसी भी व्यक्ति का आधार कार्ड व फिंगर प्रिंट डाउनलोड कर लेते हैं। आधार कार्ड व फिंगर प्रिंट प्राप्त करने के लिए गिरोह कुछ अन्य माध्यमों का भी उपयोग करता है।

इसके अगले चरण में प्राप्त फिंगर प्रिंट के आधार पर नकली फिंगर प्रिंट तैयार किया जाता है। इसके लिए खास तरह का केमिकल उपयोग में लाया जाता है। नकली फिंगर प्रिंट तैयार होने के बाद एइपीएस के माध्यम से होने वाली निकासी की कोशिश शुरु होती है। इसमें रिजर्व बैंक द्वारा प्रमाणित ट्रांजक्शन एप को भी निशाना बनाया जाता है। इसके अलावा कुछ सीएसपी संचालकों की मिलीभगत से उसका कोड प्राप्त कर खातों से सहजता से राशि निकासी कर ली जाती है।

अब तक एक करोड़ से अधिक राशि उड़ाने का अनुमान

पुलिस जांच में यह बात सामने आयी है कि इस गिरोह द्वारा खासकर सीएसपी के खाताधारकों या फिर ट्रांजक्शन एप का यूज करने वाले खाताधारकों को निशाना बनाया जाता है। अधिकांश ट्रांजक्शन एप में निकासी की सीमा तय होने के कारण गिरोह के सदस्य तय मानदंड के अनुसार ही राशि की निकासी करते हैं। इसी तरह सीएसपी में ग्रामीण इलाकों के भोले-भाले खाताधारकों को सहजता से निशाना बनाया जाता है। गिरोह द्वारा नित्य यह प्रक्रिया की जाती है। इस गिरोह द्वारा अब तक एक करोड़ से अधिक की अवैध निकासी की जा चुकी है और इसमें अधिकांश दक्षिण भारत के राज्यों के ग्राहक शामिल हैं।

जमीन की रजिस्ट्री बनी बड़ी बला, किसी को न दें आधार कार्ड

इस मामले में पुलिस की जांच का जो निष्कर्ष अब तक सामने आया है, उससे साफ जाहिर है कि जमीन का केवाला अर्थात रजिस्ट्री (सेल डीड) बड़ा खतरा बन चुका है। आपकी जमीन की रजिस्ट्री के कागजात पलक झपकते ही आपको कंगाल बना सकते हैं। जालसाज इससे आपके फिंगर प्रिंट प्राप्त कर उससे नकली फिंगर प्रिंट तैयार कर लेते हैं।

इसके अलावा किसी को अपना आधार कार्ड देना भी बड़ी भूल साबित हो सकती है। जांच में यह बात भी सामने आयी है कि इस गिरोह द्वारा आसपास के भोले-भाले लोगों का आधार कार्ड व फिंगर प्रिंट प्राप्त कर फर्जी खाता खुलवा लिया जाता है और कुछ कमीशन देकर उनके खाते में ही ऐसी राशि मंगा ली जाती है।

बयान

"बिल्कुल नये तरीके के इस साइबर अपराध को लेकर पुलिस की टीम लगातार कार्य कर रही है। इसमें अब तक गिरोह के एक दर्जन सदस्यों को पुलिस दबोच भी चुकी है। इसमें एक सीएसपी संचालक भी शामिल है। दक्षिण भारत के कई लोगों के खातों से इस गिरोह द्वारा रुपये उड़ाये जा चुके हैं। जमीन का केवाला के जरिये आधार कार्ड व फिंगर प्रिंट प्राप्त कर खातों के साथ ट्रांजक्शन एप के माध्यम रुपये उड़ाये जा रहे हैं। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी दबोचने की कोशिश में जुटी हुई है।"

-आमिर जावेद, पुलिस अधीक्षक, पूर्णिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.