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वर्षा जल संचयन का हो रहा प्रयास, सरकारी भवनों में बन रहा सिस्टम

पूर्णिया। भूगर्भ जल धरती पर जीवन के लिए जरूरी है लेकिन जिस तरह उक्त जल का दोहन हो रहा ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 11:46 PM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 11:46 PM (IST)
वर्षा जल संचयन का हो रहा प्रयास, सरकारी भवनों में बन रहा सिस्टम
वर्षा जल संचयन का हो रहा प्रयास, सरकारी भवनों में बन रहा सिस्टम

पूर्णिया। भूगर्भ जल धरती पर जीवन के लिए जरूरी है, लेकिन जिस तरह उक्त जल का दोहन हो रहा है और उसके संचयन के प्रति लोग उदासीन हैं, इससे आने वाले दिनों में मानव के लिए बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है। इसकी गंभीरता को देखते हुए सरकार ने भूगर्भ जल भंडार को भविष्य के लिए सुरक्षित रखने का प्रयास शुरू कर दिया है। बड़े भवनों में वर्षा जल संरक्षण एवं उसे जमीन में सुरक्षित रखने के लिए वाटर रेन हार्वेस्टिग सिस्टम का निर्माण का आदेश दिया है। वहीं जल जीवन हरियाली मिशन के तहत पुराने जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कर उसे पुनर्जीवित करने का भी प्रयास चल रहा है। हालांकि इसकी गति अभी धीमी है, इसमें और तेजी लाने की आवश्यकता है।

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हजारों क्यूसेक लीटर पानी हर साल होता है बर्बाद बारिश के दौरान हर साल हजारों क्यूसेक लीटर पानी नाले-नालियों के रास्ते नदियों से होकर समुद्र में जा मिलता है। जल संरक्षण के लिए जिले में कार्यरत संस्था के प्रवक्ता सुमित प्रकाश कहते हैं कि हर साल अनुमानत: चार हजार क्यूसेक किलोमीटर पानी बरसता है, लेकिन उसमें से करीब डेढ़ हजार क्यूसेक पानी समुद्र में चला जाता है। इस पानी को जमीन में रोकने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग कारगर भूमिका निभा सकती है, लेकिन इस दिशा में सरकारी तंत्र की इच्छा शक्ति में कमी से वर्षा जल संरक्षण के प्रति उदासीनता दिख रही है।

प्रथम चरण में जिले के 1840 भवनों में होगा सिस्टम का निर्माण वर्षा जल संरक्षण के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी किए हैं। उसके अनुसार जिले में प्राथमिकता के तौर पर सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का निर्माण किया जाना है। प्रथम चरण में तीन हजार वर्गफीट वाले सरकारी भवनों में जल संचयन के लिए सिस्टम का निर्माण किया जाना है। उसके तहत जिले में विभिन्न विभागों के 1840 भवनों का चयन किया गया है जहां सिस्टम का निर्माण किया जाना है। उप विकास आयुक्त ने उक्त सभी विभागों के प्रधान को भवन की छत पर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम निर्माण का निर्देश दिया है। उसमें अभी तक 188 भवनों में सिस्टम का निर्माण हो चुका है। जिसमें शिक्षा विभाग के 119 भवन, स्वास्थ्य विभाग के 15 और भवन प्रमंडल विभाग के 54 भवन शामिल हैं। अन्य विभागों में भी जल संचयन के लिए सिस्टम का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है।

कोट रेन वाटर हार्वेस्टिग के लिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन जिले में शुरू कर दिया गया है। तीन हजार वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल वाले सरकारी भवनों को चिन्हित कर वहां रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा जल जीवन हरियाली अभियान के तहत भी जल संरक्षण के लिए जिले में कई काम हो रहे हैं। आने वाले दिनों में उक्त योजनाओं का लाभ लोगों को मिलेगा। -मनोज कुमार, उप विकास आयुक्त, पूर्णिया


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