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कैश की किल्लत: रुपये निकालने गई महिला की बैंक में ही हो गई मौत

कैश क्राइसिस की एक बानगी पूर्णिया में देखने को मिली जहां अपने इलाज के लिए ग्यारह हजार रुपये निकालने के लिए बैंक के लाइन में खड़ी एक महिला की मौत हो गई।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 11:02 AM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 10:53 PM (IST)
कैश की किल्लत: रुपये निकालने गई महिला की बैंक में ही हो गई मौत
कैश की किल्लत: रुपये निकालने गई महिला की बैंक में ही हो गई मौत

पूर्णिया [जेएनएन]। थाना क्षेत्र के स्थानीय सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा परिसर में गुरुवार को रुपये निकालने गई एक महिला बैंक की लाइन में लगी रही, जिससे दम घुटने से उसकी मौत हो गई। महिला का नाम नूर जहां बताया जा रहा है।

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पूर्णिया में कैश क्राइसिस एक बार फिर नोटबंदी की यादें ताजा कर दी। दरअसल इलाज के लिए रुपये निकालने गई महिला की बैंक में ही मौत हो गई।इलाज के लिए रुपए निकालने सेंट्रल बैंक गई महिला नूरजहां खातून (70 वर्ष) की वहीं पर मौत हो गई। मृत महिला के बेटे मो. शब्बो ने बताया कि मां का इलाज कराने पूर्णिया जाना था। दस दिन से रुपये लेने के लिए मां के साथ आ रहे थे। गुरुवार को भी ऑटो से गए। मां को बैंक के बाहर बैठाकर अंदर गए।

बैंक वाले साहब से सत्रह हजार रुपए देने को कहा। काफी मिन्नतें करने के बाद बैंक का एक आदमी बाहर मां को देखने आया। उसके बाद पांच हजार रुपया देने को राजी हुआ। जब तक वह रुपया देता, मां की हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में रेफरल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हालांकि खजांची सुधांशु शेखर ने बताया कि दस दिन से आने की बात सही नहीं है। आज ही वे लोग आए थे। यहां रुपये उपलब्धता के अनुसार दिए जाते हैं।

मो. शब्बो के पिता नहीं हैं। वह दिल्ली में मजदूरी करता है। कमाई के रुपये अपनी मां के बचत खाते में जाम कर दिया करता था। मां बीमार हुई तो इलाज कराने के लिए ही घर आया था। बेहतर इलाज के लिए पूर्णिया जाना चाहता था, इसलिए बैंक से रुपये निकालने की जरूरत पड़ी। गुरुवार को वह बैंक के अंदर पैसे देने के लिए खुशामद कर रहा था, बाहर महिला की हालत बिगड़ती जा रही थी।

एक बैंककर्मी ने आकर महिला को देखा तो पांच हजार रुपये देने को राजी हो गया। वह अंदर गया ही था कि महिला की हालत ज्यादा बिगड़ गई। वह अचेत हो गई। शब्बो ने बताया कि जब मां की हालत पूरी तरह बिगड़ गई तो बैंक वालों ने तुरंत 17 हजार रुपये दे दिये। मां को लेकर वह अस्पताल आया। वहां पता चला कि मां तो दुनिया से रुखसत हो चुकी है।  मैनी संथाल टोला निवासी नूर जहां अपने खाता से 17 हजार रुपये निकालने बैंक गई थी।

वह सबेरे से बैंक परिसर में लाइन में खड़ी थी। लेकिन समय बीतने के साथ भीड भी बढऩे लगी। लोगों की भीड़ इतनी हो गई कि वहां सांस लेना मुश्किल हो गया। भीड़ के कारण नूर जहां की हालत खराब हो गई और दम घुटने से बेहोश होकर गिर पड़ी। 

तत्काल बैंक कर्मियों एवं स्थानीय ग्राहकों द्वारा उसे रेफरल अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर एमएम कलाम ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला की मौत से उपस्थित आक्रोशित लोगों ने रुपौली-कुरसेला पथ को जाम कर दिया।

महिला की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर दिया।जाम के कारण सड़क के दोनों किनारे वाहन जमा हो गये और यातायात प्रभावित हो गया। सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष अवधेश कुमार मौके पर पहुंचे तथा लोगों को समझा-बुझाकर जाम हटवाया। 


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