हवाई अड्डे के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला पहुंचा हाईकोर्ट
पूर्णिया। पूर्णिया में हवाई अड्डा निर्माण के लिए अधिगृहित होने वाली जमीन का मामला पटना हाईको
पूर्णिया। पूर्णिया में हवाई अड्डा निर्माण के लिए अधिगृहित होने वाली जमीन का मामला पटना हाईकोर्ट पहुंच गया है। यह मामला जिन किसानों की जमीन हवाई अड्डे के लिए अधिगृहित की जा रही है उसमें से एक किसान ने उच्च न्यायालय में उठाया है।
किसान श्रीकांत यादव ने न्यायालय से अपनी अधिगृहित होने वाली जमीन को बचाने की गुहार लगाई है। उच्च न्यायालय में किसान द्वारा कहा गया है कि जिस जमीन को हवाई अड्डे के लिए अधिगृहित की जा रही है वह उनकी जीविका का एकमात्र मुख्य साधन है। इस जमीन के अधिग्रहण के बाद उनके परिवार का भरण-पोषण करना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा किसान ने जमीन अधिग्रहण के लिए अपनाई गई प्रकियाओं पर भी सवाल उठाया है। इस मामले में संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने हवाई अड्डे के लिए जमीन अधिग्रहण के मामले में पूर्णिया जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी। जिसका जवाब जिला प्रशासन ने उच्च न्यायालय को भेज दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हवाई अड्डे के लिए जमीन अधिग्रहण में सभी नियमों का पालन किया गया है। गौरतलब हो कि पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए अभी तक किसी भी विमानन कंपनी ने अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाई है। नागरिक उड्डयन विभाग के अध्यक्ष अविनाश कुमार ने कुछ दिनों पूर्व मुख्य सचिव दीपक कुमार के साथ हुई बैठक के बाद कहा था कि पूर्णिया के लिए इच्छुक विमानन कंपनियों की तलाश की जा रही है। वैसे में अब हवाई अड्डे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला उच्च न्यायालय पहुंचने के बाद एक बार फिर पूर्णिया से जल्द हवाई सफर शुरू होने की संभावना पर ग्रहण लग गया है।
---------------
एयरफोर्स स्टेशन के रनवे निर्माण में देरी भी विलंब का कारण
पूर्णिया से हवाई सेवा शुरू करने के लिए चूनापुर सैन्य हवाई अड्डे द्वारा भी अपना रनवे का विस्तार किया जा रहा है। बताया जाता है यह कार्य अब शुरू हुआ है तथा इसमें लगभग डेढ़ साल का समय लग सकता है। इसके विस्तार के बाद ही पूर्णिया से हवाई सेवा शुरू हो सकती है। बताया जाता है कि जिला प्रशासन ने हवाई अड्डे के निर्माण को प्राथमिकता से लेते हुए जमीन अधिग्रहण का मामला इस साल के अंत तक निपटाने का फैसला लिया है ताकि जमीन की समस्या इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए किसी भी तरह से बाधक नहीं बने। लेकिन जमीन अधिग्रहण का मामला हाईकोर्ट पहुंचने के अलावा रनवे विस्तार का काम देर से शुरू होना तथा किसी कंपनी द्वारा पूर्णिया से हवाई सेवा शुरू करने के लिए अब तक दिलचस्पी नहीं दिखाना पूर्णिया से जल्द हवाई सफर के सपने पर ग्रहण लगा रहे हैं।
52. 18 एकड़ जमीन होनी है अधिगृहित
हवाई अड्डे के लिए जिन 75 किसानों की 52.18 एकड़ जमीन अधिगृहित की जानी है उसमें एक आवासीय घर है इसके अलावा सभी जमीन खेतिहर है। इस जमीन का मूल्यांकन कार्य भी छह सदस्यीय टीम द्वारा पूरा कर लिया गया है। इससे अलावा किसानों को अधिगृहित जमीन के लिए दी जाने वाली मुआवजा राशि भी राज्य सरकार ने आवंटित कर दी है।
----------------------
अधिग्रहण के पूर्व सोशल आडिट में भी मिल चुकी है हरी झंडी
----------------
हवाई अड्डे के लिए जिन किसानों की 52. 18 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है उसकी सोशल आडिट भी कराई जा चुकी है। सोशल आडिट करने वाली टीम ने भी हवाई अड्डे के लिए जमीन अधिग्रहण
पर अपनी मुहर लगा दी है।
कोट के लिए
हवाई अड्डे के लिए अधिगृहित होने वाली जमीन का मामला एक किसान द्वारा उच्च न्यायालय ले जाया गया है, इस मामले में जिला प्रशासन से उच्च न्यायालय द्वारा जो जवाब मांगा गया है वह न्यायालय को भेज दिया गया है, जमीन अधिग्रहण में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।
राहुल कुमार, जिलाधिकारी