फानूस गिरोह ने तीन मार्च को पुलिस पर किया था हमला
पूर्णिया। जिस फानूस ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उसी मो. फानूस ने तीन मार्च को पूर्णिया पुलिस की
पूर्णिया। जिस फानूस ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उसी मो. फानूस ने तीन मार्च को पूर्णिया पुलिस की नींद उड़ा दी थी। उसने पुलिस पर हमला कर जवानों के हथियार लूट लिये थे और कई जवानों को बंधक बना लिया था। लूटे गये हथियार वापस लेने के लिये पुलिस को रात भर फानूस गिरोह को लोगों के सामने मिन्नत करनी पड़ी थी। इस मामले में मो. फानूस सहित 25 लोगों को नामजद एवं 500 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में मो. फानूस एवं 25 सहयोगियों को गुरूवार को ही उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिली थी। बताया जाता है कि पुलिस पर हमले एवं हथियार लूटने की घटना के बाद से ही मो. फानूस यहां से ठिकाना बदलकर अपने नोट दूना करने वाले गिरोह का संचालन किया करता था। उसके घटना बाद विनोवा ग्राम छोड़ने के बाद ही नोट दूना करने वाले दूसरे गिरोह ने भी यह काम करना शुरू किया था। बताया जाता है कि न्यायालय से जमानत मिलने के बाद मो. फानूस अपने घर विनोवाग्राम आया हुआ था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग बकाया राशि वापस लेने के लिये उसके दरवाजे पर जमा थे। बकायेदारों की भीड़ इतनी अधिक थी की मो. फानूस को यह समझ नहीं आ रहा था कि वह रूपये मांगने वाले लोगों को क्या जवाब दे। अब कोई भी बकायेदार उसे किसी तरह की मोहलत देने को तैयार नहीं था। इससे तंग आकर मो. फानूस ने खुद को गोली मार ली। उसे गंभीर अवस्था में इलाज के लिये पूर्णिया ले ही जाया जा रहा था की उसने रास्ते में ही दम तोड दिया। बाद में घटना की सूचना मिलने के बाद बनमनखी डीएसपी वज्र किशोर पासवान के नेतृत्व में बनमनखी, जानकीनगर, सरसी, सहित कई थानो की पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया। घटना के बाद जो लोग मो. फानूस के दरवाजे पर रूपये के लिये जुटे थे वे वहां से धीरे से खिसक गये। घटना की सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में फानूस को देखने के लिये लोगों की भीड़ जुट गयी। बताया जाता है कि फानूस ने ही अपने गांव सहित आसपास के कई गांव के लोगों को देखते ही देखते साइकिल से चार पहिया वाहन का मालिक बना दिया। यही कारण था की लोग उसके झांसे में आ गये तथा बैंकों में जमा अपनी गाढ़ी कमाई को बाहर निकाल इस गिरोह को सौंप दिया। देखते ही देखते महज कुछ माह में ही कई बैंक की शाखाओं से करोड़ों की राशि बाहर निकल गयी। कई लोगों ने अपने जमीन जायदाद एवं अपने मवेशियों को बेचकर राशि दूना होने के लालच में फानूस गिरोह को पूरी रकम सौंप दी। बताया जाता है कि इसके बाद फानूस ने अपने गिरोह का विस्तार कई जिलों में किया। पुलिस पर हमले के बाद पुलिस ने लोगों को जागरूक बनाने के लिये अभियान चलाया ताकि लोग फानूस गिरोह के चंगुल में न फंस सके।