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रिश्वत लेते दारोगा का वीडियो बनाना पड़ा महंगा, पुलिस ने युवक को बेरहमी से पीटा

रिश्वत लेते पुलिसकर्मी का वीडियो बनाना एक युवक को महंगा पड़ा। उसे पुलिसकर्मियों ने जमकर पीटा और फिर थाने ले जाकर बेरहमी से धुनाई कर दी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 01:49 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 11:30 PM (IST)
रिश्वत लेते दारोगा का वीडियो बनाना पड़ा महंगा, पुलिस ने युवक को बेरहमी से पीटा

पटना [जेएनएन]। एक विवादित जमीन पर रिश्वत लेते दीघा थाने के एएसआइ उमेश सिंह का मोबाइल से वीडियो बनाना बिजली मिस्त्री 20 वर्षीय धीरज शर्मा को महंगा पड़ा। पुलिसकर्मियों ने उसे मौके पर तो पीटा ही, थाने में ले जाकर बेरहमी से धुनाई की। रात में रिश्वत लेने के बाद उसे थाने से रिहा कराया गया।

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घटना गुरुवार की है। शुक्रवार को धीरज ने वाट्सएप पर मामले की जानकारी एसएसपी मनु महाराज और सेंट्रल रेंज के डीआइजी राजेश को दी है। लेकिन, वरीय पुलिस अफसरों ने इसपर संज्ञान नहीं लिया है।  

धीरज का आरोप है कि मुक्त करने से पहले उससे सादे कागज पर पीआर बांड भराया गया। वहीं, थानाध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह का कहना है कि थाने में धीरज की पिटाई नहीं की गई। उसे पूछताछ के लिए लाया गया था। बांड भराकर उसे छोड़ दिया गया।

दरअसल, निराला नगर में दो पक्षों के बीच विवादित एक भूखंड पर निर्माण कार्य चल रहा था। एक पक्ष के एसएन सिंह ने हाजीपुर निवासी धीरज शर्मा के भाई को बिजली का काम करने का ठेका दिया था। धीरज को भी बिजली का काम आता है। ठेकेदार को जमीन के विवाद की जानकारी नहीं थी।

एसएन सिंह के कहने पर वहां बिजली का काम चल रहा था। दो दिन से भाई की जगह धीरज काम पर जा रहा था। बुधवार को एएसआइ उमेश सिंह सिपाहियों के साथ वहां पहुंचा और एक पक्ष से रिश्वत लेकर चला गया। धीरज ने मोबाइल से उसकी रिकॉर्डिंग कर ली थी।

आरोपित पुलिसकर्मियों को जब इसका पता चला तो अगले दिन गुरुवार को दोपहर 12:15 बजे दीघा थाने से दारोगा राजू कुमार पहुंचा और मजदूरों को पीटने लगा। उसने धीरज की भी पिटाई कर दी। पीटने का कारण पूछने पर धीरज को मारते हुए जीप में बिठाकर थाने ले जाया गया। पोर्टिको में गाड़ी रुकते ही भेडि़ए की तरह चार-पांच पुलिसकर्मी उसपर टूट पड़े। उसे झूठे मुकदमे में जेल भेजने की साजिश रची जा रही थी। 

धीरज के मुताबिक इस बीच एक दारोगा ने मकान मालिक से बात की। उसने 20 हजार रुपये दिए, तब उसे रात को छोड़ा गया। आरोप है कि थानाध्यक्ष ने उसकी गर्दन पकड़कर पीआर बांड लिखवाया। 


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