घर छोड़ने पर नहीं करनी होगी फिक्र, हॉस्टल में आराम फरमाएगा आपका डॉगी, इतने देने होंगे पैसे
अगर आप भी छुट्टियों में शहर से बाहर जाना चाहते हैं और आपको अपने डॉगी की बेफिक्र है तो आपके लिए है डॉग केयर हॉस्टल। जानें कैसे करता है ये काम।
पटना, जेएनएन। शहर में कुत्ते पालने के शौकीन बढ़ रहे हैं। इसी के साथ बढ़ रहा है डॉग केयर के बिजनेस का चलन। राजधानी में आजकल डॉग हॉस्टल का ट्रेंड बढ़ रहा है। कामकाजी लोग घर से बाहर निकलने की स्थिति में अपने प्यारे कुत्ते को यहां छोड़ जाते हैं। अगर आप भी छुट्टियों में शहर से बाहर जाना चाहते हैं और आपको चिंता अपने प्यारे डॉगी को लेकर है तो बेफिक्र हो जाइए।
मिलेंगी सभी सुविधाएं, कराई जाएगी सैर
डॉगी को साथ लेकर जाने की मजबूरी बिल्कुल नहीं है। ऐसी स्थिति के लिए ही डॉग हॉस्टल हैं। ये हॉस्टल सभी जरूरी सुविधाओं से लैस हैं। यहां सुबह और शाम दोनों वक्त कुत्ताें को सैर कराई जाती है। देखभाल के लिए कर्मचारी तैनात हैं। कुत्तों की जांच के लिए चिकित्सक भी आते हैं। यहां आप अपने कुत्ते को जरूरत के मुताबिक एक दिन या ज्यादा समय तक के लिए छोड़ सकते हैं। यहां कुत्ते को उसकी पसंद के मुताबिक खाने से लेकर टहलने की सुविधा दी जाती है।
इन इलाकों में चल रहे डॉग हॉस्टल
शहर के मैनपुरा, बेली रोड, गर्दनीबाग, रामकृष्णनगर, गोला रोड और फुलवारीशरीफ जैसे इलाकों में डॉग हॉस्टल चल रहे हैं। इनमें से कई जगह कुत्तों के लिए ट्रेनिंग की भी सुविधा भी है। वैसे कुत्तों को ट्रेनिंग देने वाले संस्थान हॉस्टल की अपेक्षा ज्यादा हैं। राजधानी के गोला रोड में चल रहे एक हॉस्टल में एक साथ करीब 200 कुत्तों को रखने की क्षमता है।
दाखिले के समय ली जाती कुत्ते की पूरी जानकारी
ऐसे हॉस्टल में कोई नया कुत्ता आता है तो दाखिले से पहले उसके मालिक से एक फॉर्म भरवाया जाता है। इसमें कुत्ते की पूरी जानकारी होती है। मालिक से पूछकर खाने-पीने का मेन्यू तैयार किया जाता है। साथ ही परिवार को समय-समय पर व्हाट्स-अप, ईमेल और वीडियो के जरिये कुत्ते की जानकारी भी दी जाती है। अलग-अलग नस्ल के कुत्ताें को रखने की फीस भी अलग है। कुत्ताें की पूरी जिम्मेदारी हॉस्टल संचालक की होती है। लोगों को यह विकल्प रास आ रहा है। अब वह बिना संकोच अपने कुत्तों को छोड़कर छुट्टी पर बाहर जा सकते हैं। गर्मियों व सर्दियों की छुट्टियों में तो उनका हॉस्टल फुल रहता है।
24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी
इस हॉस्टल में जानवरों के लिए खेलकूद के साथ ही इंडोर और आउटडोर की भी सुविधा दी जाती है। कोई कुत्ता अगर खुले में घूमना पसंद करता है तो उसे ऐसा ही माहौल दिया जाता है। वही जो कुत्ता केज में रहना पसंद करता है, उसे एकांत में रहने का मौका दिया जाता है। यहां कुत्तों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे निगरानी की जाती है।
एक दिन का खर्च 400 रुपये
डॉग हॉस्टल में पालतू कुत्तों को रखा जाता है। इसमें उनके रहने से लेकर खाने-पीने की सारी व्यवस्था की जाती है। उन्हें चिकन-मटन से लेकर उनके नियमित डायट के मुताबिक खाने को दिया जाता है। एक कुत्ते की देखभाल के लिए 400 रुपये प्रतिदिन की दर से चार्ज किया जाता है। अलग-अलग हॉस्टल में चार्ज कम-ज्यादा हो सकता है।