पटना में पानी के साथ बीमारी पी रहे आप, कोलीफॉर्म के खतरनाक जीवाणु पेट पर डाल रहे असर Patna News
अगर आप भी पटना का पानी पी रहे हैं तो थोड़ा सावधान हो जाइए। राजधानी में जलजमाव के बाद दूषित जल घरों में जा रहे हैं।
पटना, जेएनएन। बरसात का असर पटना में अब भी देखने को मिल रहा है। इस दौरान हुए जलजमाव का नतीज ये है कि पटनावासियों को अबतक दूषित पानी पीना पड़ रहा है। ये अालम शहर के कई मोहल्लों का है। इससे जलजनित बीमारियां तेजी से पांव पसार रही हैं। भविष्य में स्थिति और गंभीर होने की आशंका है।
सबकुछ गंदे पानी डूब गया
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि राजधानी एवं आसपास के अधिकांश इलाकों में भीषण जलजमाव के कारण पानी दूषित हो गया है। इसका मुख्य कारण रहा है कि बरसात के दिनों में जलजमाव से बोरिंग की मोटर, चापाकल, कुआं सबकुछ गंदे पानी में डूब गया था। नालों का गंदा पानी भूजल स्रोतों के साथ मिलने से स्थिति खतरनाक हो गई है।
कोलीफॉर्म ग्रुप के जीवाणु पाये जा रहे पेयजल में
पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसएन सिंह का कहना है कि विभाग की ओर से राजधानी के राजेंद्रनगर, बाजार समिति, पुनाईचक, जगनपुरा, संपतचक एवं जहानाबाद से पेयजल के नमूने लिए गए थे। उन नमूनों की विभाग के वैज्ञानिकों ने जांच की। इसमें कोलीफॉर्म ग्रुप के जीवाणु काफी मात्रा में पाए गए। सामान्यत: पेयजल में कोलीफॉर्म की मात्रा नहीं होना चाहिए। पेयजल में मानक से बहुत ज्यादा जीवाणु होने से मानव स्वास्थ्य में इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है। लोग जलजनित बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
पेट संबंधित बीमारियों का मुख्य कारण दूषित पानी
राजधानी के न्यू गार्डिनर अस्पताल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा का कहना है कि दूषित पानी कई बीमारियों की जननी है। इससे सबसे ज्यादा पेट संंबंधी बीमारियां होती हैं। पेयजल में कोलीफॉर्म जीवाणु मिलने से डायरिया होने की आश्ंाका काफी बढ़ जाती है। डायरिया से पीडि़त मरीजों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। दूषित पानी पीने से कै व दस्त की समस्या भी होती है। चिकित्सकों की सलाह है कि जिन मरीजों को दूषित पानी पीने से परेशानी होती है, वे पानी गर्म कर ठंडा होने के बाद पियें।