विश्व फिजियोथेरेपी दिवस: कोरोना को भगाने में फिजियोथेरेपी मददगार, व्यायाम से जल्द स्वस्थ होते हैं संक्रमित
आज विश्व फिजियोथेरेपी दिवस है। इस वर्ष कोरोना प्रबंधन विश्व फिजियोथेरेपी दिवस की थीम है। कोरोना को भगाने में फिजियोथेरेपी भी मददगार साबित हो सकती है। जानें कैसे-
पटना, जेएनएन। मांसपेशियों और नसों को मजबूत कर बिना दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के दर्द से राहत दिलाने वाली फिजियोथेरेपी अब विभिन्न रोगों के उपचार का अभिन्न हिस्सा बनती जा रही है। हृदय रोग, सिजेरियन समेत विभिन्न सर्जरी के बाद अब यह कोरोना इलाज और पोस्ट कोविड प्रबंधन में मददगार साबित हो रही है। हर वर्ष आठ अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व फिजियोथेरेपी दिवस की थीम कोरोना इलाज और पोस्ट कोविड प्रबंधन में उपयोगिता रखी गई है।
मांसपेशियों व नसों को मजबूत करने की विधा
आइजीआइएमएस में फिजियोथेरेपी के विभागाध्यक्ष डॉ. रत्नेश चौधरी ने फिजियोथेरेपी मांसपेशियों व नसों को मजबूत करने की विधा है। हर जटिल रोग में यह उपयोगी है। कोरोना का सबसे खतरनाक लक्षण फेफड़ों में संक्रमण के कारण सांस लेने में परेशानी है। फेफड़े संबंधित अन्य गंभीर रोग अस्थमा, सीओपीडी, सिस्टिक फाइब्रोसिस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी आदि होने पर डॉक्टर चेस्ट फिजियोथेरेपी कराते हैं।
जमा बलगम निकलने पर रोगी जल्द हो सकता है स्वस्थ
कोरोना संक्रमित गंभीर रोगियों के फेफड़े में जमा बलगम निकलने पर रोगी जल्द ठीक हो सकता है। चेस्ट फिजियोथेरेपी के तहत किए जाने वाले पॉस्च्युरल ड्रेनेज, चेस्ट परक्यूजन, चेस्ट वाइब्रेशन, टॄनग, डीप ब्रीदिंग व्यायाम से फेपड़ों में जमा बलगम निकालने में मदद मिलती है।
नहीं हो सकी हर पीएचसी में तैनाती
आधुनिक मशीनों, व्यायाम, टेपिंग व अन्य माध्यमों से मांसपेशियों, जोड़ों, हड्डियों व नसों के दर्द में आराम पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2016 में हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फिजियोथेरेपिस्ट की नियुक्ति की घोषणा की थी। अब तक इस दिशा में कुछ नहीं होने से आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एम्स और राजवंशी नगर हड्डी अस्पताल में ही इसकी सुविधा है।
काउंसिल नहीं होने से परेशानी
डॉ. रत्नेश चौधरी ने बताया कि प्रदेश में अब तक फिजियोथेरेपी काउंसिल का गठन नहीं हो सका है। इससे प्रदेश में कई ऐसे लोग फिजियोथेरेपी क्लिनिक खोलकर इलाज कर रहे हैं, जिनके पास डिग्री या डिप्लोमा नहीं है।