सिर में रहे लगातार तेज दर्द तो ब्रेन ट्यूमर का भी हो सकता है लक्षण, अनदेखी हो सकती है जानलेवा
World Brain Tumor Day 2022 लगातार सिर में तेज दर्द रहे तो तुरंत कराएं जांच ब्रेन ट्यूमर की जल्द पहचान और उपचार की जानकारी देने को 8 जून को मनाया जाता है जागरूकता दिवस ब्रेन की कोशिकाओं के गुच्छा बनने या दूसरे अंग का कैंसर फैलने से होती यह समस्या
जागरण संवाददाता, पटना। सिर में लगातार तेज दर्द रहे और सुबह के समय इतना बढ़ जाए कि नींद टूटने लगे तो तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए। यह ब्रेन ट्यूमर का लक्षण हो सकता है। इसका संपूर्ण उपचार आइजीआइएमएस समेत राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में उपलब्ध है, जरूरत है शुरुआती दौर में इसकी पहचान की। आइजीआइएमएस के न्यूरो सर्जरी के विभागाध्यक्ष डा. अशोक कुमार ने बताया कि आमजन तक इसकी जानकारी पहुंचाने के लिए ही आठ जून को ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है।
क्या है ब्रेन ट्यूमर
ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार का होता है। पहला ब्रेन की कोशिकाओं व ऊतकों का गुच्छा बनने से और दूसरा किसी दूसरे अंग में कैंसरस ट्यूमर के फैलकर मस्तिष्क तक पहुंचने से। 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले मरीजों में ब्रेन ट्यूमर के कैंसर में बदलने की आशंका ज्यादा रहती है। इसका कारण स्पष्ट नहीं है।
क्या हैं लक्षण
- मामूली सिरदर्द का धीरे-धीरे गंभीर होना।
- सुबह-सुबह सिरदर्द के कारण नींद खुल जाना।
- सिरदर्द के साथ उल्टी महसूस होना, छींक या खांसी आना।
- आंखों से धुंधला दिखना और हाथ-पैर में कमजोरी।
- तनाव, चिड़चिड़ापन और याददाश्त का कमजोर होते जाना।
- चलने में लडख़ड़ाना यानी संतुलन बनाने में समस्या आना।
- बोलने और सुनने में परेशानी होना, सिर की नसों का फड़कना।
- मिर्गी जैसे लक्षण यानी बार-बार बेहोश होना।
इलाज है संभव
आज ब्रेन ट्यूमर की जल्द पहचान को सीटी स्कैन और एमआरआइ जैसी जांचें हैं तो इलाज के लिए सर्जरी के आधुनिक उपकरण, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और गामा नाइफ सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यदि ट्यूमर दिमाग के बाहरी हिस्से में होता है तो उसे सर्जरी कर बाहर निकाल दिया जाता है लेकिन मस्तिष्क के बीच में होने पर कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी आदि से उपचार किया जाता है।
ठीक होने के बाद भी सावधानी जरूरी
डा. अशोक कुमार के अनुसार ब्रेन ट्यूमर ठीक होने के बाद भी व्यायाम, पोषक आहार लेना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। शराब-तंबाकू समेत किसी नशे का सेवन नहीं करना, लाल मांस का सेवन नहीं या बहुत कम करना, दिमाग को तनाव से बचाने के लिए नियमित योग-ध्यान आदि करना जरूरी है।