बिहारः मनरेगा में बढ़ेगी श्रमिकों की दिलचस्पी, मजदूरी के बाद अब सामानों का भी भुगतान करेगी सरकार
मनरेगा की योजनाओं में इस्तेमाल होने वाले सामानों का भुगतान भी अपने खजाने से करेगी। केंद्र से इस मद की राशि जब मिलेगी वह समायोजित हो जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को ग्रामीण विकास विभाग को यह आदेश दिया।
राज्य ब्यूरो, पटनाः राज्य सरकार अब मनरेगा की योजनाओं में इस्तेमाल होने वाले सामानों का भुगतान भी अपने खजाने से करेगी। केंद्र से इस मद की राशि जब मिलेगी, वह समायोजित हो जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को ग्रामीण विकास विभाग को यह आदेश दिया। विभागीय मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अब मजदूरी और सामानों के मद का भुगतान निर्धारित समय पर हो जाएगा। चालू वित्त वर्ष में 20 करोड़ श्रम दिवस सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है।
मालूम हो कि मजदूरी और सामानों का भुगतान समय पर न होने के कारण मनरेगा योजना में श्रमिकों की दिलचस्पी कम हो रही थी। आपूर्तिकर्ताओं ने उधार में सामान देना बंद कर दिया था। श्रमिकों को उत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने पहले मजदूरी और अब राज्य के खजाने से सामानों के भुगतान का फैसला किया। मंत्री ने बताया कि भुगतान को लेकर इस योजना में अब कोई शिकायत नहीं रहेगी। मजदूरी मद का शत प्रतिशत, जबकि सामान मद में केंद्र सरकार 75 फीसद राशि का भुगतान करती है। पिछले वित्तीय वर्ष में दोनों मदों में केंद्र से भुगतान में देरी हुई थी। केंद्र से राशि मिलने के बाद दोनों मदों के बकाये का भुगतान कर दिया गया है। मंत्री ने बताया कि मजदूरी मद में अभी पर्याप्त धन है।
सबको मिले कामः नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश दिया है कि मनरेगा के तहत काम मांगने वाले सभी मजदूरों को अवसर मिले। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि हम इस आदेश पर पूरी तरह अमल कर रहे हैं। पिछले वित्तीय वर्ष तक मनरेगा के जाॅबकार्ड धारी श्रमिकों की संख्या एक करोड़ 86 लाख थी। चालू वित्तीय वर्ष में 35 हजार नए श्रमिकों को जाॅब कार्ड दिया गया है। श्रमिकों का पंजीयन जारी है। बाहर से आने वाले नए श्रमिक जाॅबकार्ड हासिल कर सकते हैं।
केंद्र से मिल रही मदद
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-22 में मनरेगा के जरिए 20 करोड़ श्रम दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। केंद्र सरकार ने कहा है कि अगर श्रम दिवस की संख्या 20 करोड़ से अधिक होती है तो वह मजदूरी मद में अतिरिक्त राशि देगी।