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देश की सबसे पुरानी पार्टी में महिलाएं उपेक्षित, 137 डेलीगेट में केवल सात को दी जगह

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में महिलाएं ही उपेक्षित हैं। 137 डेलीगेट में सिर्फ सात महिलाओं को जगह दी गई है। पार्टी के फैसले के खिलाफ आवाज उठने लगी है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 27 Mar 2018 02:39 PM (IST)Updated: Wed, 28 Mar 2018 10:54 PM (IST)
देश की सबसे पुरानी पार्टी में महिलाएं उपेक्षित, 137 डेलीगेट में केवल सात को दी जगह
देश की सबसे पुरानी पार्टी में महिलाएं उपेक्षित, 137 डेलीगेट में केवल सात को दी जगह
पटना [राज्य ब्यूरो]। देश में कांग्रेस की बागडोर भले ही लंबे समय तक दो-दो महिला नेत्रियों के हाथों रही हो, लेकिन बिहार कांग्रेस में महिलाओं की घोर अनदेखी हो रही है। बिहार कांग्रेस से अखिल भारतीय कांग्रेस में अभी कुछ वक्त पहले सवा सौ से अधिक सदस्यों को डेलीगेट बनाया गया। इनमें महिलाओं की संख्या महज सात है। डेलीगेट के लिए सुझाए गए नामों को सांगठनिक चुनाव आयोग ने मंजूरी भी दे दी है। जिसके बाद से पार्टी के अंदर महिलाओं की अनदेखी का मसला गर्म होने लगा है।
पार्टी में लंबे समय तक रहने के बाद भी मौका आने पर उचित स्थान नहीं मिलने को लेकर पार्टी की नेत्रियों के अंदर आक्रोश है। कार्रवाई के डर से कोई सामने तो नहीं आना चाहती, लेकिन अंदर ही अंदर प्रदेश नेतृत्व को लेकर आवाज उठने लगी है। पार्टी की अनदेखी से आहत तकरीबन आधा दर्जन से अधिक नेत्रियों ने इस मामले की लिखित शिकायत आला कमान से करने का फैसला किया है।
पार्टी से करीब बीस वर्षों से जुड़ी एक महिला कांग्रेसी कहती हैं कि सोनिया गांधी ने पार्टी का नेतृत्व करते हुए संसद तक में महिलाओं के आरक्षण का मुद्दा उठाया और संसद में 33 फीसद आरक्षण के लिए विधेयक तक रखा। उनके प्रयासों की वजह से राज्यसभा में तो यह विधेयक पारित हो गया, लेकिन लोकसभा में पार्टी को पर्याप्त सदस्यों का समर्थन नहीं मिला नतीजा यह मामला अटका हुआ है।
देश का नेतृत्व महिलाओं को मजबूती देने के लिए प्रयासरत है, लेकिन बिहार में कांग्रेस के अंदर महिलाओं की घोर अनदेखी हो रही है। महिलाओं का विरोध अकेला है ऐसी बात भी नहीं। डेलीगेट में एक व्यक्ति विशेष के लोगों को शामिल किए जाने को लेकर भी पार्टी के अंदर कलह की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। बाद में पार्टी नेतृत्व को 15 अन्य लोगों को भी डेलीगेट में शामिल करते हुए नई सूची जारी करनी पड़ी।
मसले पर बिहार कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी कहते हैं कि यह बात सही है कि महिला नेताओं को पार्टी में उतनी जगह नहीं मिल पाई है, लेकिन वे इसके लिए प्रयासरत हैं। वे कहते हैं कि हम भविष्य में कोशिश करेंगे कि अधिक से अधिक महिलाओं को एआइसीसी के साथ ही पीसीसी में भी जगह मिल सके।

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