बिना इलाज नहीं ठीक होगा कोरोना मुक्त लोगों में बढ़ा रक्तचाप
बहुत से लोग मान लेते हैं कि जब कोरोना संक्रमण का दुष्प्रभाव समाप्त होगा तो बीपी सामान्य हो जाएगा। यह उनकी भूल है बिना उपचार के यह ठीक नहीं होगा। यदि कोरोना संक्रमण मुक्त होने के बाद ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की शिकायत हो तो डाक्टर के परामर्श पर तुरंत उपचार शुरू कर देना चाहिए।
पटना। कोरोना वायरस ने न केवल फेफड़े बल्कि दिल, दिमाग, मांसपेशियों, धमनियों, नसों, रक्त प्रवाह, आंखों समेत अन्य अंगों को भी प्रभावित किया है। पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव के रूप में भी उच्च रक्तचाप, ब्लैक फंगस, सांस में तकलीफ, बदन दर्द, खून के थक्के जमने से ब्रेन स्ट्रोक आदि के लक्षण लंबे समय तक परेशान करते हैं। बहुत से लोग मान लेते हैं कि जब कोरोना संक्रमण का दुष्प्रभाव समाप्त होगा तो बीपी सामान्य हो जाएगा। यह उनकी भूल है, बिना उपचार के यह ठीक नहीं होगा। यदि कोरोना संक्रमण मुक्त होने के बाद ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की शिकायत हो तो डाक्टर के परामर्श पर तुरंत उपचार शुरू कर देना चाहिए। यदि डाक्टर को उचित लगेगा तो वे धीरे-धीरे दवाओं का पावर कम करते हुए इसे बंद कर सकते हैं। बेहतर होगा कि बीपी का उपचार खुद से नहीं करें। ये बातें एम्स पटना में नोडल पदाधिकारी डा. संजीव कुमार ने बताईं। 15 प्रतिशत तक बढ़े बीपी के रोगी : कोरोना संक्रमण के मामले भले ही कम हो गए हैं, लेकिन इनके दुष्प्रभाव अबतक लोगों को सता रहे हैं। कोरोना मुक्त होने के बाद पोस्ट कोविड दुष्प्रभावों की अनदेखी कर पूर्व की भांति व्यायाम व भारी कार्य करने के कारण कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। अधिकतर लोगों में इसका कारण हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप के कारण अचानक हार्ट फेल हो गया। न्यू गार्डिनर इंडोक्राइन-नेफ्रो सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल के निदेशक डा. मनोज कुमार सिन्हा के अनुसार कोरोना मुक्त होने के बाद बीपी रोगियों की संख्या बढ़ी है। अस्पताल की ओपीडी में बीपी के 15 प्रतिशत तक मरीज बढ़े हैं। कोरोना मुक्त होने के बाद निम्न बातों का रखें ध्यान : - एक माह तक सुबह-शाम बीपी नापते रहें, बढ़ा हो तो तुरंत डाक्टर से मिलकर उपचार कराएं। - बीपी के साथ आक्सीजन स्तर, बुखार और शुगर की नियमित जांच करें, कोई अन्य बदलाव महसूस करें तो उसकी बाबत भी परामर्श लें। - 55 से 70 आयुवर्ग के लोग बीपी समेत अन्य स्वास्थ्य मार्कर की खासतौर पर निगरानी करें। -कोरोना मुक्त हुए युवाओं में भी धड़कन तेज होना, नींद नहीं आना, सांस में तकलीफ और थकान की शिकायत सामने आ रही है। - कोरोना मुक्त होने के बाद पूर्व तरह घंटों या भारी व्यायाम के बजाय हल्के एरोबिक या योग करना ज्यादा बेहतर है। - सिगरेट और शराब बिल्कुल न पिएं, इससे पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव के गंभीर रूप में सामने आ सकते हैं।