कौन हैं कानून हाथ में लेने वाले, भोजपुर के वायरल वीडियो पर मानवाधिकार आयोग ने तलब की रिपोर्ट
भोजपुर में वार्ड सदस्य को बिजली के पोल से बांधकर पीटे जाने की दैनिक जागरण में छपी खबर पर मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। इस बाबत आयोग के अध्यक्ष ने भोजपुर के डीएम और एसपी से रिपोर्ट तलब की है।
निर्भय सिंह, पटना। बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ( Bihar State Human Rights Commission) ने आरा में एक वार्ड पार्षद की बिजली के पोल में बांधकर पिटाई संबंधी दैनिक जागरण की खबर को गंभीरता से लिया है। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस विनोद कुमार सिन्हा ने अखबार में छपी खबर के आधार पर आरा के डीएम और एसपी को एक महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इसमें यह बताना है कि कानून को अपने हाथ में लेने वाले लोग कौन हैं? किसने कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार दिया?
भोजपुर से वायरल हुआ था वीडियो
यह घटना भोजपुर जिले के अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव की है। घटना 18 मार्च की बताई गई है। वायरल वीडियो में वार्ड सदस्य चंद्रशेखर सिंह को बिजली के पोल में बांधकर रखा गया है। इसमें उनकी पिटाई की गई। इस दौरान वार्ड सदस्य की पत्नी और बच्चे उसे छोड़ देने की गुहार लगाते हुए नजर आ रहे है। लेकिन वार्ड सदस्य की सहायता करने की हिम्मत कोई नहीं उठा पाता। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी भी दिखाई दे रहे है। लेकिन, चंद्रशेखर को छुड़ाने की बजाय वे पूरे मामले को देखते नजर आ रहे है। सभी मूकदर्शक बने देख रहे हैं। इस घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत अजीमाबाद थाने से लेकर एसपी तक से की। वार्ड सदस्य की पत्नी ने आरोप लगाया कि पिटाई के बाद उल्टे उनके पति को पुलिस गिरफ्तार कर ले गई।
पहले भी हुई थी मारपीट अौर पुलिस पर लगा पक्षपात का आरोप
बताया जाता हैं कि पूर्व में सात मार्च को भी वार्ड सदस्य से आरोपित पक्ष की मारपीट हुई थी। तब इसकी एफआइआर भी कराई गई थी। उस वक्त भी पुलिस पर आरोप लगा था कि उसने एकतरफा कार्रवाई कर चंद्रशेखर के भाई को ही गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को पीड़ित की पत्नी ने एसपी से मिलकर गुहार लगाई । पत्नी (पूजा) ने बताया कि मेरेे पति को दबंगों ने गांव के बीच बिजली के पोल में बांधकर पीटा.है। आरोप है कि पुलिस विरोधियों से मिलीभगत कर पति को जेल भेज दिया ।