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कैंब्रिज डेटा लीक: नए खुलासे से मुसीबत में JDU, गरमाई बिहार की राजनीति

कैंब्रिज एनाजिटिका डेटा लीक विवाद की आंच बिहार पहुंच चुकी है। कंपनी के व्हिसिलब्‍लोअर पूर्व कर्मचारी क्रिस्टोफर वायली ने जदयू को लेकर बड़े खुलासे किए हैं। क्‍या है मामला, जानिए।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 10:09 AM (IST)Updated: Fri, 30 Mar 2018 07:36 PM (IST)
कैंब्रिज डेटा लीक: नए खुलासे से मुसीबत में JDU, गरमाई बिहार की राजनीति

पटना [जेएनएन]। कैंब्रिज एनालिटिका डेटा लीक विवाद की आंच अब बिहार पहुंच चुकी है। पूर्व कर्मचारी क्रिस्‍टोफर वाइली ने कहा है कि कि कंपनी का भारत से संबंध रहा है और उसने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के लिए को भी काम किया था। वाइली की मानें तो कैंब्रिज एनालिटिका के मातृ संगठन एससीएल समूह का मुख्यालय गाजियाबाद में है और इसका एक क्षेत्रीय कार्यालय पटना में भी है। वाइली के आरोपों पर बिहार की राजनीति गरमा गई है। हालांकि, जदयू ने आरोपों को खारिज किया है।

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विदित हो कि फेसबुक डेटा लीक मामले के व्हिसिलब्‍लोअर व कंपनी के पूर्व कर्मचारी क्रिस्टोफर वायली ने अपने खुलासों से भारत की राजनीति में उबाल ला दिया है। उन्‍होंने कंपनी के कांग्रेस के लिए काम करने की बात कही है। कंपनी के भारतीय जनता पार्टी के लिए भी काम करने के आरोप लगे हैं। अब वायली के खुलासे की चपेट में बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी आ गई है।

वाइली ने अपने ट्वीट कहा है कि उनके पास भारतीय पत्रकारों की तरफ से मेरे पास ढेर सारे अनुरोध आ रहे हैं, इसलिए वे भारत में एससीएल की कुछ पिछली परियोजनाओं की जानकारी दे रहे हैं। उन्‍होंने लिखा है कि एससीएल व कैंब्रिज एनालिटिका भारत में काम करती हैं और यहां उनके कार्यालय हैं।

वाइली ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि जदयू ने 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी अनुसंधान और रणनीति मुहैया कराने के लिए एससीएल इंडिया को कहा था। उनके अनुसार, एससीएल ने अपने ग्राहकों के लिए 75 प्रतिशत घरों को लक्ष्य करके व्यवहारिक अध्ययन कार्यक्रम चलाया। इससे न केवल सही चुनावी क्षेत्र की पहचान की गई, बल्कि सही श्रोता, संदेश और सबसे महत्वपूर्ण अभियानों में सही जातियों को लक्षित कर अभियान चलाने में सहायता मिली।

वाइली ने ट्वीट के साथ एससीएल इंडिया की पिच प्रजेंटेशन से संबंधित दो तस्‍वीरें दी हैं, जिनसे पता चलता है कि कैंब्रिज एनाजिटिका के पास भारत के 600 जिलों के सात लाख से अधिक गांवों का डाटाबेस है। उसकी सेवाएं ग्राहकों को आबादी के भीतर महत्वपूर्ण समूहों की पहचान करने और उन्हें लक्षित करने में मदद करती हैं, ताकि वांछित नतीजे पाने के लिए उनका इस्‍तेमाल किया जा सके।

वायली के खुलासों के बाद बिहार में बिहार की राजनीति गरमा गई है। जदयू ने आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है तो भाजपा उसके समर्थन में खड़ी है। उधर, राजद ने जदयू को घेरना शुरू कर दिया है।

राजद प्रवक्‍ता मनोज झा ने कहा कि अब तो यह स्‍पष्‍ट हो चुका है कि चुनाव लढ़े नहीं, मैनेज किए जा रहे हैं। इससे प्रजातंत्र खतरे में है।

जदयू के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता केसी त्यागी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी चुनाव के लिए डेटा के इस्तेमाल में विश्वास नहीं करती। उन्‍होंने कहा कि जदयू चुनाव वैसे ही लड़ता है, जैसे लड़ना चाहिए। कैंब्रिज एनालिटिका से अपने बेटे से संबंध की बाबत केसी त्‍यागी ने कहा कि अगर मेरा बेटा जांच में दोषी मिले तो उसपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।


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