कहीं आप हर फिक्र को धुएं में उड़ा तो नहीं रहे; जरा ठहरिए, सोचिए और समझिए
सिगरेट पीना कितना खतरनाक होता है। इसे जान लेने के बाद यकीनन आप यदि सिगरेट पीते तो पीना छोड़ देंगे।
पटना [संजय रंजन]। आपने यह गाना खूब सुना होगा। हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया, जो मिल गया उसे मुकद्दर समझ लिया, जो खो गया उसे मैं भुलाता चला गया...। 'हम दोनों' फिल्म का यह गाना है। इस फिल्म के हीरो देवानंद ने बखूबी अपने अंदाज में सीन अदा की थी। इस गाने के प्ले बैक सिंगर मोहम्मद रफी थे।
जिन दिनों यह गाना बाजार में आई तब से लेकर आज तक इस गाने को खास कर युवा वर्ग के लोग खूब मस्ती में गाते है। इतना ही नहीं इस गाने के बोल के साथ लोग हाथ में सिगरेट लेकर धुएं का छल्ला बनाते दिखते है। और खूब सिगरेट का धुआं निकालते थे। लेकिन ये लोग सिगरेट के इस छल्ले के साथ भूल जाते है कि इनकी हर फिक्र धुएं में उड़ती नहीं चली जा रही है बल्कि ये धुएं के उसी छल्ले में अपनों को खो रहे जहां से उनका वापस आना मुश्किल ही नहीं नामूमकिन भी है।
विश्व स्वास्थ संगठन पटना में कार्यरत डॉ. (कैप्टन) कृष्णानंद सहाय ने कहा कि वैसे तो किसी भी प्रकार के तंबाकू का सेवन करना शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है। लेकिन सिगरेट जिस तरह से लोगों का जीवन बर्बाद करती है। उसकी परिकल्पना तक नहीं की जा सकती। वहीं हार्ट अस्पताल के डॉ. शिशिर मिश्र ने कहा कि सिगरेट पीने से कैंसर तो होने का खतरा रहता ही है साथ में हृदयाघात की संभावना बढ़ जाती है। इसी तरह पीएमसीएच के डॉ. जेपी सिन्हा, डॉ. मृदुला पांडेय सहित कई डॉक्टरों ने तंबाकू के सेवन को अवैध माना है। इनका मानना है कि इसके सेवन से कई तरह की बीमारियां हो सकती है।
हो सकते है 12 तरह के कैंसर
धूमपान से 12 तरह के कैंसर होने की संभावना हो जाती है। जैसे, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, लेरिंगक्स कैंसर, इसाफगस (भोजन नली का कैंसर), ग्रीवा का कैंसर, किडनी, लीवर, ब्लाडर, यकृत, पेट, गुदाद्वार, ल्यूकेमिया। इनमें सबसे खतरनाक है लंग कैंसर यानी फेफड़े का कैंसर। दुनिया में जितनी भी मौतें कैंसर से होती हैं उनमें सबसे अधिक लंग कैंसर ही जिम्मेदार होता है।
ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
लगातार धूम्रपान करने से ब्रेन स्ट्रोक भी हो सकता है। धू्मपान और स्वास्थ्य पर पड़नेवाले असर पर शोध करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप धूमपान करते हैं तो आपको ब्रेन स्ट्रोक होने की संभावना दोगुना बढ़ जाती है। ब्रेन स्ट्रोक से ब्रेन डैमेज हो सकता है। धू्मपान से मस्तिष्क को खून की सप्लाई करनेवाली नलिया कमजोर हो जाती हैं।
फेफड़े को गंभीर खतरा
धूमपान से फेफड़ा को कई गंभीर बीमारी हो सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि धूमपान से जो अंग सबसे अधिक प्रभावित होता है उसमें सबसे अधिक हमारा फेफड़ा ही होता है। धूमपान फेफड़े के भीतर एयरवेज या एयरसैक कहते हैं उसे डैमेज कर देता है। सबसे खतरनाक है क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पलमनेरी डिजीज (सीओपीडी)। इससे सीने में घरघराहट, सासें फूलना, छाती सिकुडना इसके लक्षण हैं। सीओपीडी का ही एक स्टेज है इंफीसेमा जिसमें मरीज बिना मास्क लगाए सास भी नहीं ले सकता है।
कमजोर हो जाती हड्डियां
शुरू से मां कहती है कि दूध नहीं पीने से हड्डिया कमजोर हो जाती है। लेकिन आप युवा हैं और सिगरेट पीते हैं तो आपकी हड्डिया जरूर कमजोर हो जाएंगी। यानी फ्रैक्चर होने के चासेज बढ़ जाएंगे।
हार्ट अटैक का खतरा
धूमपान करने से हार्ट अटैक का खतरा सामान्य इंसान के मुकाबले दोगुना हो जाता है। हृदय की कई बीमारियों से व्यक्ति ग्रसित हो जाता है। हृदय की धमनिया पतली हो जाती हैं। उनसे होकर खून का बहना मुश्किल होने लगता है। इसलिए खतरनाक हद तक ब्लड प्रेशर का बढ़ना भी तय है।
रोज सिगरेट पीने से हो जाएंगे बीमार
यदि आप रोज पाच सिगरेट पीते है तो निश्चित तौर पर आप गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते है। सिगरेट से हृदय की सभी प्रकार की बीमारियां, फेफड़े की बीमारिया आदि।
मुंह की बीमारिया
धूमपान से मुंह का कैंसर ही नहीं होता। बल्कि मुंह की कई अन्य बीमारिया भी होती हैं। धूमपान करने पर मुंह से बदबू बढ़ जाती है। दातों का एनामेल हट जाता है। दात पीले पड़ जाते हैं। मसूढ़े सिकुड़ते हैं। दात कमजोर होकर टूट जाते हैं।
दिखने लगेंगे बूढ़े
धूमपान करते रहने से आप समय से पूर्व बूढ़े दिखने लगेंगे। 25 की उम्र से बेतहाशा सिगरेट पीते हैं तो अगले कुछेक सालों में आप अपने उम्र से अधिक दिखने लगेंगे। धूमपान करनेवालों की आख और मुंह के पास त्वचा की उम्र बूढ़े लोगों जैसी हो जाती है।
नपुंसकता खतरा
धूमपान से नपुंसकता बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। यह लिंग तक पहुंचने वाली खून की नलियों को डैमेज कर देता है। यही नहीं यह स्पर्म को भी खत्म कर देता है।
नहीं ठहरेगा गर्भ
ऐसा डॉक्टरों का कहना है कि जो महिलाएं धूमपान करती हैं उन्हें गर्भ ठहरना मुश्किल हो सकता है। गर्भ ठहर भी गया तो गर्भ में पल रहे बच्चे को काफी रिस्क रहता है।