जब राजद के रामचंद्र पूर्वे किसान बन गए और करने लगे मोबाइल पर खेती, जानें
बिहार में अभी मानसून सत्र चल रहा है। विस हो या परिषद दाेनों सदनों में बहस से बहिष्कार तक के मामले सामने आते हैं। लेकिन यही सब केवल सदन में नहीं होता है। हंसी-मजाक का भी चलता है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में अभी मानसून सत्र चल रहा है। विधानसभा हो या विधान परिषद, दाेनों सदनों में बहस से बहिष्कार तक के मामले सामने आते हैं। टाइम टू टाइम तू-तू, मैं-मैं का भी नजारा देखने को मिलता है। लेकिन यही सब केवल सदन में नहीं होता है। हंसी-मजाक का भी दौर चलता है। यह हंसी-मजाक आज भी देखने को मिला। उस समय ठहाका लगा, जब राजद के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक रामचंद्र पूर्वे किसान हो गए और मोबाइल पर ही खेती करने लगे।
तकरीबन 30-35 वर्षों से राजनीति करने वाले राजद के वरिष्ठ सदस्य रामचंद्र पूर्वे अचानक किसान हो गए। दरअसल, बुधवार को विधान परिषद में रामचंद्र पूर्वे ने मुजफ्फरपुर जिले में धान खरीद को लेकर प्रश्न उठाया था। उनका कहना था कि मुजफ्फरपुर में इस वर्ष 1.32 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य था, जिसके विरुद्ध महज 30 हजार टन धान खरीदा गया है।
जवाब में सहकारिता मंत्री राणा रणधीर बता रहे थे कि वस्तु स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन मौसम 2018-19 में चयनित पैक्स, व्यापार मंडलों के माध्यम से छह हजार साठ किसानों ने ऑनलाइन निबंधन कराया जिनसे तीन हजार एक सौ मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।
सदस्य रामचंद्र पूर्वे सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने कहा कि वे भी किसान हैं, लेकिन सरकार उन्हें संतुष्ट नहीं कर पा रही। मंत्री जवाब देते इसके पूर्व ही उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव अपने स्थान पर खड़े हुए और उन्होंने जानना चाहा कि पूर्वे कब से किसान हो गए। मंत्री यादव ने कहा कि पूर्वे करीब 30-35 वर्षों से उनके साथ ही राजनीति कर रहे हैं। वे किसान कब हो गए, ये तो पता ही नहीं चला। उनके बैठते ही पूर्वे ने कहा कि मंत्री को शायद पता नहीं कि अब खेती मोबाइल से भी होती है। इसके बाद सदस्यों की हंसी नहीं रुक सकी।