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तेजस्‍वी यादव के साथ 28 तारीख को क्‍या होने वाला है? सुशील मोदी ने ललन सिंह को जवाब देते हुए कर दिया इशारा

बिहार के उप मुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव के साथ क्‍या होने वाला है? क्‍या लालू परिवार के लिए मुसीबतों का दौर फिर से शुरू होने वाला है? सुशील कुमार मोदी ने इशारे में इस पर बयान दे दिया है। ललन सिंह पर हमला करते हुए भाजपा नेता ने खास बात कही।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2022 08:47 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 04:07 PM (IST)
Bihar news: ललन सिंह, तेजस्‍वी यादव और सुशील कुमार मोदी। फाइल फोटो

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: बिहार के उप मुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव के साथ क्‍या होने वाला है? 28 सितंबर की तारीख उनके लिए क्‍यों अहम है? क्‍या लालू परिवार फिर से संकट में पड़ने वाला है। यह सवाल उठ खड़ा हुआ है भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के बयान के बाद। सुशील मोदी ने सोमवार को जदयू के अध्‍यक्ष ललन सिंह के सवालों का जवाब देते हुए कई बड़ी बातें कहीं। इसी दौरान उन्‍होंने ललन सिंह को 28 सितंबर का इंतजार करने को कहा, जिसका संदर्भ तेजस्‍वी के भविष्‍य से जुड़ा हुआ है। 

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ललन सिंह के सवालों का जवाब देते सुशील मोदी ने किया इशारा 

दरअसल, जदयू अध्‍यक्ष ललन सिंह ने सोमवार की सुबह सुशील कुमार मोदी को निशाना बनाते हुए 13 सवाल पूछे थे। शाम होते-होते मोदी ने ललन सिंह को दया का पात्र बताते हुए यह भी बता दिया कि वे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री आख‍िर क्‍यों नहीं बन पाए। इसी के साथ मोदी ने उनके सवालों का बिंदुवार जवाब भी दिया।

बिहार को जदयू मुक्‍त करने का बीड़ा लालू यादव ही उठाएंगे 

सुशील मोदी ने ललन सिंह को कहा कि आप अपराध, भ्रष्टाचार से समझौता कर सकते हैं, हम नहीं। इसी कारण आप केंद्र में मंत्री नहीं बन पाए? हमारी सहानुभूति आपके साथ हैं। आपके आका मुख्यमंत्री आपकी वही दशा करेंगे जो जार्ज, शरद, आरसीपी की हुई है? 2024 में लालू यादव बिहार को जदयू मुक्त करेंगे आप इंतजार कीजिए।

लालू यादव और तेजस्‍वी यादव के खिलाफ ललन ने ही जुटाए थे सुबूत 

सुशील मोदी ने कहा कि लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाला की जांच सीबीआइ से कराने के लिए पीआइएल दाखिल करने में ललन सिंह की भूमिका रही। इस घोटाले से जुड़े कागजात सीबीआइ को उन्‍होंने भी उपलब्‍ध कराए थे। आइआरसीटीसी घोटाले और रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के कागजात तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सीबीआइ को ललन सिंह ने ही उपलब्ध कराए थे। अगर यह गलत है तो ललन सिंह बताएं। 

ललन सिंह को याद दिलाए उनके पुराने बयान 

सुशील मोदी ने कहा कि आपको तो नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी तक से निकाल दिया था। उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए जदयू की ओर से लोकसभा अध्यक्ष को पत्र तक लिखा गया था। मोदी ने ललन सिंह के पुराने बयान की याद दिलाते हुए कहा कि नीतीश कुमार के पेट के दांत निकालने की बात तो आपने ही की थी। ललन सिंह ने नीतीश कुमार को तानाशाह तक कहा था। 

सबसे तीखे सवाल का सबसे रोचक जवाब 

सुशील मोदी ने ललन सिंह को याद दिलाया कि आपकी पार्टी 1995 में विधानसभा और 2014 में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ी और मात्र 7 एवं 2 सीटों पर सिमट गई थी। सबसे दिलचस्‍प जवाब सुशील मोदी ने ललन सिंह के सबसे तीखे सवाल का दिया। ललन सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार के समर्थन की बदौलत ही सुशील मोदी भागलपुर से लोकसभा चुनाव जीते थे। इसके जवाब में मोदी ने कहा कि भागलपुर का चुनाव 2004 में विपरीत परिस्थितियों में 1.25 लाख वोट से जीता और उसी वर्ष रेल मंत्री रहते नीतीश कुमार बाढ़ लोकसभा से हार गए थे। 

आइआरसीटीसी घोटाले में कयासों को दी हवा 

सुशील मोदी ने कहा कि बिहार की सरकार में उप मुख्यमंत्री वे जदयू की कृपा से नहीं बने थे। भाजपा के विधायकों की रायशुमारी में 90 प्रतिशत विधायकों ने उनके पक्ष में मत दिया, तब वे उप-मुख्यमंत्री बने थे। अपने बयान के आखिरी मसले पर सुशील मोदी ने फिर से आइआरसीटीसी घोटाले का जिक्र किया और तेजस्‍वी यादव के बारे में कयासों को हवा दे दी। 

कोर्ट के फैसले पर रहेगी सभी की नजर 

सुशील मोदी ने कहा कि आइआरसीटीसी घोटाले में तेजस्वी पर मुकदमे को सीबीआइ ने न तो वापस लिया है और न ही केस बंद किया है। 28 सितंबर को अगली सुनवाई का इंतजार कीजिए। अब सवाल यह है कि 28 सितंबर को इस मामले में क्‍या होने वाला है? इस मामले में तेजस्‍वी यादव जमानत पर हैं और सीबीआइ ने उनकी जमानत को रद करने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई है। 

कोर्ट ने तेजस्‍वी यादव से मांगा था उनका जवाब

सीबीआइ से तेजस्‍वी यादव की जमानत खारिज करने का अनुरोध मिलने के बाद विशेष अदालत ने इस मामले में बिहार के उप मुख्‍यमंत्री से जवाब मांगा है। दरअसल, सीबीआइ ने तेजस्‍वी यादव के कुछ हालिया बयानों का हवाला देते हुए कोर्ट में दावा किया था कि वे जांच टीम के अफसरों को धमका रहे हैं और अपने रसूख का इस्‍तेमाल कर वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। 

सीबीआइ छापों के बाद तेजस्‍वी यादव ने दिया था तीखा बयान

दरअसल, तेजस्‍वी यादव ने पिछले दिनों बिहार में सीबीआइ के छापों के बाद काफी तीखा बयान दिया था। उन्‍होंने कहा था कि केंद्र में हमेशा एक ही दल की सरकार नहीं रहेगी। सीबीआइ अफसरों को भी बच्‍चे हैं और उनका परिवार है। उन्‍होंने सीबीआइ पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था। उन्‍होंने और भी कई बातें कहीं थीं, जिनका जिक्र सीबीआइ ने अपने आवेदन में किया है। 

कोर्ट का फैसला तय करेगा तेजस्‍वी यादव का क्‍या होगा

कोर्ट इस मामले में तेजस्‍वी यादव का पक्ष जानने के बाद फैसला ले सकती है। अगर कोर्ट को तेजस्‍वी यादव की दलील सही लगती है, तो जाहिर है उनकी जमानत जारी रहेगी। लेकिन, कोर्ट को अगर सीबीआइ की दलील सही लगती है, तो तेजस्‍वी यादव की जमानत रद हो सकती है। ऐसी हालत में सीबीआइ को उनको गिरफ्तार करने का मौका मिल सकता है। अगर कोर्ट से तेजस्‍वी यादव की जमानत खारिज होती है, तो उन्‍हें राहत के लिए उच्‍च न्‍यायालय में अपील करने या अग्र‍िम जमानत के लिए आगे जाने का अधिकार होगा। 

लालू परिवार के लिए फिर से शुरू होगा संकट का दौर? 

दरअसल, राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव का परिवार लंबे अरसे तक परेशानियों भरे दौर से गुजरता रहा है। लालू यादव को चारा घोटाले में सजा होने के बाद उम्र के चौथे पड़ाव में लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा। वह किडनी और अन्‍य गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से जूझ रहे हैं। उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी एक साल के अंदर ही तलाक के मुकदमे तक पहुंच गई। ऐसी हालत में बिहार की सरकार में वापसी, तेजस्‍वी और तेज प्रताप दोनों के मंत्री बनने, लालू के जेल से निकलने पर परिवार फिलहाल राहत में है। 

तेजस्‍वी यादव को न्‍यायालय से राहत की उम्‍मीद

इसम मामले में तेजस्‍वी यादव बहुत चिंतित नहीं दिखते हैं। वे कई बार कह चुके हैं कि सीबीआइ चाहे तो उनके घर में ही दफ्तर खोल ले। इसके पीछे एक बड़ी वजह है। दरअसल, आइआरसीटीसी घोटाले के वक्‍त तेजस्‍वी की उम्र अधिक नहीं थी। सीधे तौर पर उनकी संलिप्‍तता का प्रमाण जुटाना शायद थोड़ा मुश्‍क‍िल हो। दरअसल, इस घोटाले में जिन कंपनियों के शामिल होने का आरोप है, उनसे तेजस्‍वी यादव का भी नाता होने की बात सीबीआइ की ओर से कही जा रही है। 


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