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Weather Update: बिहार सहित देश के मैदानी इलाके में इस साल बहुत सताएगी गर्मी, जानिए वजह

Weather Update Bihar बिहार सहित देश के मैदानी इलाकों में इस बार गर्मी कुछ ज्यादा होगी। प्री मॉनसून से पहले बिहार में सूरज की किरणें अभी से ही तीखी होने लगी हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 09:11 AM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 09:01 AM (IST)
Weather Update: बिहार सहित देश के मैदानी इलाके में इस साल बहुत सताएगी गर्मी, जानिए वजह
Weather Update: बिहार सहित देश के मैदानी इलाके में इस साल बहुत सताएगी गर्मी, जानिए वजह

पटना, जेएनएन। भारतीय मौसम विभाग द्वारा गर्मी को लेकर जारी पूर्वानुमान के अनुसार देश के मैदानी भाग अन्य वर्षो की तुलना में ज्यादा गर्म रहेंगे। पिछले तीस वर्ष के आंकड़ों के अध्ययन के आधार पर मौसम विभाग ने कहा कि देश का पश्चिमी भाग खासकर राजस्थान, गुजरात, हरियाणा एवं पंजाब में पूर्व के वर्षो की तुलना में इस बार ज्यादा गर्मी पड़ेगी।

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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं दिल्ली में भी भीषण गर्मी पड़ेगी। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा ने बताया कि बिहार सहित पूर्वी भारत के राज्यों के अलावा दक्षिण भारत के राज्यों में भी इस वर्ष गर्मी सामान्य रहेगी।

जलवायु में बदलाव बन रहा महत्वपूर्ण कारण 

विवेक सिन्हा का कहना है कि देश-दुनिया की जलवायु में काफी बदलाव हो रहा है। इसका ताजा उदाहरण मार्च में लगातार हुई बारिश है। वैज्ञानिकों को अनुमान है कि इसका असर प्री-मॉनसून की बारिश पर भी पड़ेगा।

बिहार में अप्रैल एवं मई प्री-मॉनसून का समय है। राज्य में 14 जून के आसपास मॉनसून की बारिश शुरू हो जाती है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया के अधिकांश महासागरों की सतह गर्म हो रही है। प्रशांत महासागर का तापमान भारत के जलवायु को प्रभावित कर रहा है। महासागरों की सतह जितनी ज्यादा गर्म होगी, जलवायु में उतना ही बदलाव होगा।

लॉकडाउन के कारण अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं। मौसम के करवट बदलते ही घरों में पंखे चलने लगे हैं। इससे बिजली की मांग बढ़ गई है। विद्युत कंपनी के अभियंता बढ़ी हुई मांग को लेकर सजग हैं। पटना विद्युत आपूíत प्रतिष्ठान के ग्रिडों के लिए 642 मेगावाट बिजली आवंटित है। अधिकतम मांग 305 मेगावाट पर पहुंच गई है।

मौसम में थोड़ी गर्माहट के कारण घरों में एसी चलने पर बिजली की मांग और बढ़ेगी। पिछले वर्ष बिजली की अधिकतम मांग 697 मेगावाट तक पहुंच गई थी। एक हजार मेगावाट से अधिक बिजली आपूíत के लिए पेसू ने अपनी संरचना तैयार कर ली है। नौ ग्रिडों से पेसू क्षेत्र में बिजली आपूर्ति होती है।

ग्रिडों से हुई बिजली आपूर्ति

ग्रिड  मेगावाट

खगौल 77

दीघा 45

जक्कनपुर 43

गायघाट 41

करबिगहिया 36

मीठापुर 24

कटरा 22

फतुहा 10

सिपारा 06


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