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चैतन्य देवियों की दिव्य रूपों पर टिक रही दर्शकों की नजर

नीरज कुमार, पटना : दुर्गापूजा के मौके पर राजधानी के डाक बंगला चौराहा एवं कंकड़बाग

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 01:57 AM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 01:57 AM (IST)
चैतन्य देवियों की दिव्य रूपों पर टिक रही दर्शकों की नजर
चैतन्य देवियों की दिव्य रूपों पर टिक रही दर्शकों की नजर

नीरज कुमार, पटना : दुर्गापूजा के मौके पर राजधानी के डाक बंगला चौराहा एवं कंकड़बाग गायत्री मंदिर के समीप चैतन्य देवियां राज्यभर से आए दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। मंगलवार को मां दुर्गा का पट खोलने के बाद राजधानी की सड़कों पर दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। डाक बंगला चौराहा पर मुख्य पंडाल के बगल में एक आकर्षक मंच पर विराजमान हैं मां दुर्गा के नौ रूपों में नौ चैतन्य देवियां। जो लोगों को प्रणाम करने पर आशीर्वाद प्रदान कर रही हैं। उनकी गतिविधियां लोगों के पांव थमने को विवश कर दे रही हैं। पहले तो दर्शकों को भरोसा ही नहीं हो रहा है कि मंच पर विराजमान देवियां सही मायने में चैतन्य हैं या कोई विज्ञान का चमत्कार। लेकिन थोड़ी देर निहारने के बाद पता चलता है कि वे वास्तव में चैतन्य देवियां ही हैं।

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डाक बंगला चौराहा के अलावा कंकड़बाग गायत्री मंदिर के पास भी चैतन्य देवियां लोगों को दर्शन दे रही हैं। ये देवियां प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की छात्राएं हैं। पिछले पांच वर्षो से डाक बंगला चौराहा पर नौ देवियों का चैतन्य रूप दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।

वहीं गायत्री मंदिर के पास बने मंच पर मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश एवं कार्तिक लोगों को दर्शन दे रहे हैं। यहां पर दुर्गा के रूप में ईशु, लक्ष्मी के रूप में रूपम, सरस्वती के रूप में रूचि, कार्तिक के रूप में अनुष्का एवं गणेश के रूप में अनिता मंच पर बैठी हैं। गायत्री मंदिर के पास विश्वविद्यालय की छात्राएं पिछले तीस वर्षो से बैठ रही हैं। डाक बंगला चौराहा के पास 16 से 19 अक्टूबर तक चैतन्य देवियां दर्शकों को दर्शन देंगी। इनका दर्शन रात 7 से 12 बजे तक दर्शकों को होगा।

संस्थान की पटना केंद्र की निदेशक संगीता बहन का कहना है कि मंच पर दुर्गा का विभिन्न रूप धारण करने वाली बहनों का जीवन पूरी तरह से आध्यात्मिक है। इसके अलावा उनका भोजन पूरी तरह से सात्विक होता है। वे प्रतिदिन कम से कम एक घंटा मेडिटेशन करती हैं। उसके बाद आध्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लेती हैं। ये बहनें राजधानी के विभिन्न मोहल्ले में अपने परिवार के साथ रहती हैं। उनका मुख्य उद्देश्य है कि अध्यात्म का प्रचार-प्रसार करना।


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