Move to Jagran APP

बिहार में गेस्ट हाउस की तरह दिखेंगे गांव के घर, 'होम स्टे' योजना के तहत घर में ही मिलेगा रोजगार

अब बिहार आने वाले पर्यटक बहुत जल्द पर्यटन केंद्रों के नजदीक गांव में रात गुजार सकेंगे। गांव के घरों को गेस्ट हाउस की तरह विकसित कर वहां पर्यटकों के रहने-खाने की व्यवस्था की जाएगी। ये सब होगा महत्वाकांक्षी योजना होम स्टे के माध्यम से।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 06:37 AM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 06:37 AM (IST)
बिहार में गेस्ट हाउस की तरह दिखेंगे गांव के घर, 'होम स्टे' योजना के तहत घर में ही मिलेगा रोजगार
गेस्ट हाउस की प्रतीकात्मक तस्वीर। जागरण आर्काइव। -

कुमार रजत, पटना। बिहार आने वाले पर्यटक जल्द ही पर्यटन केंद्रों के नजदीक गांव में रात गुजारेंगे। गांव के घरों को गेस्ट हाउस की तरह विकसित कर वहां पर्यटकों के रहने-खाने की व्यवस्था की जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले राजगीर और बोधगया के नजदीक के गांवों से इसकी शुरुआत की जाएगी। इसके लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है। इस महत्वाकांक्षी योजना का नाम 'होम स्टे' रखा गया है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के एमडी प्रभाकर ने बताया कि 'होम स्टे' योजना का मकसद देश-विदेश के पर्यटकों को ग्रामीण जन-जीवन को नजदीक से दिखाना है। जब पर्यटक गांव में रुकेंगे और ग्रामीणों से मिलेंगे तो उनको बिल्कुल नया अनुभव होगा। इसके अलावा ग्रामीणों को भी उनके घर में ही रोजगार मिल सकेगा। 

रेकी कर एजेंसी चुनेगी गांव 

loksabha election banner


'होम स्टे' योजना पर इसी माह से काम शुरू होने की उम्मीद है। प्रारूप तैयार है। बस सरकार से हरी झंडी मिलने की देरी है। सबसे पहले एजेंसी पर्यटन केंद्रों के आसपास के गांवों की रेकी करेगी। ऐसे गांवों को चुना जाएगा जो पर्यटन केंद्रों के नजदीक हों और वहां आने-जाने का रास्ता भी सुगम हो। इसके अलावा सुरक्षा का भी ख्याल रखा जाएगा। गांवों को चुने जाने के बाद ऐसे ग्रामीणों से आवेदन मांगा जाएगा जो होम स्टे योजना में रुचि लेंगे। उनके घरों का निरीक्षण भी किया जाएगा कि वह पर्यटकों के लिए मुफीद हैं या नहीं। पर्यटक जहां रुकेंगे, वहां सफाई, बिजली और अटैच बाथरूम जैसी सुविधाएं अनिवार्य रूप से जरूरी होंगी। 

ग्रामीणों को भी दिया जाएगा प्रशिक्षण


इस योजना में शामिल ग्रामीणों को पर्यटन निगम और एजेंसी द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। होम स्टे योजना के अंतर्गत रुकने वाले पर्यटकों से कैसे बात करनी है, उनसे कैसा व्यवहार करना है, इसकी जानकारी दी जाएगी। योजना के तहत पर्यटकों के खाने, परिवहन और अन्य सुविधाओं में भी ग्रामीणों का सहयोग लिया जाएगा और इससे जुड़ा प्रशिक्षण उन्हें मिलेगा। शुरुआत में कुछ समय तक पर्यटन निगम के कर्मचारी भी पर्यटकों के साथ रुकेंगे और सुविधाओं का हाल जानेंगे। 

पटना के लोगों को भी वीकेंड पर मिलेगा नया ठिकाना 


पर्यटन निगम के एमडी प्रभाकर कुमार ने बताया कि एजेंसी इस योजना पर काम करने के साथ इसका प्रचार-प्रसार भी करेगी। शुरुआत में वह कुछ पर्यटकों को अपने स्तर से बिहार लाकर गांवों में भी ठहराएगी। योजना का उद्देश्य पटना और आसपास के बड़े शहरों को भी इससे जोड़ना है। पटना के लोग भी वीकेंड पर राजगीर और बोधगया घूमने के साथ गांवों में रुककर ग्रामीण लाइफस्टाइल को नजदीक से देख सकेंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.