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गांव के कलाकारों को भी मिले मंच : राज्यपाल

इंद्रधनुषी संस्कृति से रंगा बापू सभागार

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 11:43 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:08 AM (IST)
गांव के कलाकारों को भी मिले मंच : राज्यपाल
गांव के कलाकारों को भी मिले मंच : राज्यपाल

पटना। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक परिषद, कोलकाता और बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर गुरुवार को बापू सभागार में आयोजित तीन दिवसीय रंगारंग उत्सव 'ऑक्टेव 2019' का उद्घाटन राज्यपाल फागू चौहान ने किया। उन्होंने कहा कि गांव में बहुत सारी प्रतिभाएं पड़ी हुई हैं, जो गांव में ही दम तोड़ देती हैं। उन कलाकारों को मंच मिलना चाहिए। कला और संस्कृति विभाग को चाहिए कि उन कलाकारों को मंच दे। गांव के चैता, नौटंकी से कई बड़े कलाकार निकले, लेकिन उनका विकास नहीं हो पाया। विविधताओं के बावजूद हमारी सांस्कृतिक पहचान एक

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राज्यपाल ने कहा कि भारत की संस्कृति बहुरंगी है। यहां के सांस्कृतिक उपवन में रंग-विरंगे फूल खिले हैं और सभी फूलों की रंगीनी और खूशबू से जो सुगंध निकलती है, वहीं सच्ची भारतीयता का सुवास है। प्रांत, जाति, भाषा, प्रकृति सबकी विविधता के बावजूद हमारी सांस्कृतिक पहचान एक है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव से सभी कलाकारों और दर्शकों का मनोरंजन तो होगा ही क्षेत्रिय संस्कृतियों के बीच आदान-प्रदान भी बढ़ेगा। भारत सरकार और बिहार सरकार, सांस्कृतिक गतिविधियों के विकास तथा कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित कर रही है। मोतिहारी, बेतिया और मुजफ्फरपुर में महात्मा गांधी के नाम पर तीन सांस्कृतिक भवन बन रहे हैं। सभी प्रमंडलीय भवनों में भी सांस्कृतिक भवनों के निर्माण की योजना है। बगीचा वहीं अच्छा जिसमें सभी रंगों के फूल हों

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बगीचा वहीं अच्छा है जिसमें अलग-अलग रंगों के फूल लगे हों। सुशील मोदी ने उत्तर-पूर्व से आए आठों राज्य के कलाकारों का नमस्ते से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 'नमस्ते' में ये आठों राज्य शामिल हैं। एन से नागालैंड, ए से अरुणाचल और आसाम, एम से मिजोरम, मेघालय और मणिपुर, एस से सिक्किम, टी से त्रिपुरा हैं। उन्होंने दर्शकों से कहा कि अगली बार उत्तर-पूर्व का दौरा कीजिये। इस महोत्सव से अलग भाषा, अलग वेश फिर भी अपना एक देश का संगम देखने को मिल रहा है। 'पटना हो या गुवाहाटी, अपना देश, अपनी माटी' के नारे को दोहराते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समारोह से भारत की भावनात्मक एकता को ताकत मिलती है। उन्होंने उत्तर-पूर्वी राज्यों के कलाकारों को हर वर्ष बिहार आकर भ्रमण करने का सुझाव दिया। 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का मिल रहा संदेश

कला, संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि ऐसे समारोह से एक भारत श्रेष्ठ भारत कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना साकार हो रही है। इन कलाकारों के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों के रहन-सहन, इनकी वेशभूषा जानने का मौका मिलेगा। लोग इनकी संस्कृति को जान पाएंगे। इन कलाकारों द्वारा भारत को गौरवान्वित किया जा रहा है। बिहार के कलाकार भी अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देश और विदेश में जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार की जल-जीवन हरियाली योजना पूरी दुनिया के सामने आयाम बनेगी।


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