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Vijaydashmi 2022: पटना में सिंदूर खेल मां से मांगी सुहाग की लंबी उम्र, ढाक की थाप पर थिरकीं महिलाएं

Vijaydashmi 2022 विजयदशमी के दिन पटना सिटी में बंगाली समुदाय की महिलाओं ने सिंदर खेला रश्म की अदायगी की। इस दौरान एक दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाकर महिलाओं ने अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना की और नम आंखों से मां दुर्गा की विदाई की।

By Jagran NewsEdited By: Rahul KumarPublished: Wed, 05 Oct 2022 01:55 PM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 01:55 PM (IST)
Vijaydashmi 2022: पटना में सिंदूर खेल मां से मांगी सुहाग की लंबी उम्र, ढाक की थाप पर थिरकीं महिलाएं
पटना में सिंदूर खेला खेलती महिलाएं। जागरण

जागरण संवाददाता, पटना सिटी। विजयादशमी पर वैसे तो विसर्जन की परंपरा अन्य स्थानों पर निभाई जाती है लेकिन पटना सिटी के गौरीशंकर कालोनी स्थित गुलजारबाग सांस्कृतिक परिषद बंगाली अखाड़ा, मारूफगंज बड़ी देवी जी तथा विवेकानंद कालोनी के प्रांगण की छटा अलग ही दिखती है। वहां पांच दिनों दुर्गापूजा महोत्सव के अंतिम दिन बुधवार की सुबह से ही शुभ विजेया का उद्घोष गूंजने लगा। विधि विधान से पूजा विशेष पूजन के बाद मां का भव्य शृंगार किया गया।

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(सिंदूर खेला के दौरान सेल्फी लेती युवती)

लाल पाड़ की साड़ी और चेहरे पर सिंदूर का लेप

दुर्गा माता की नौ दिनों तक श्रद्धा-भाव से पूजा-अर्चना करने के बाद लोगों ने आज मां को विदा किया इस अवसर पर पटना में महिलाओं ने जमकर सिंदूर की होली खेली। हर जुबां पर मां दुर्गा की महिमा को बखान करते बोल। बंगाली समाज की महिलाओं ने मां को सिंदूर अर्पित कर सुहाग की लंबी उम्र की कामना की। इसके बाद सिंदूर खेला का उल्लास उमड़ पड़ा। परंपरागत ढाक की थाप ने माहौल को और भक्तिमय बना दिया। महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर पर्व की खुशियां मनाई। सिंदूर से सराबोर महिलाओं ने मां के साथ सेल्फी भी खूब ली।

(सिंदूर खेला के दौरान एक दूसरे को सिंदूर लगाती महिलाएं।)

नम आखों से की मां दुर्गा की विदाई

इस दौरान महिलाओं के मुख से विशेष प्रकार की ध्वनि उलुदेवा निकली। शंख की ध्वनि से गुलजारबाग सांस्कृतिक परिषद का प्रागंण मां की भक्ति से सराबोर हो गया। पूजा संचालक विपल्व चटर्जी ने बताया कि पश्चिम बंगाल की परंपरा सिंदूर खेला धूमधाम से मनाई गई। मां को विदाई की बेला आई मां से बिछड़ने का दर्द सिंदूर खेला के उल्लास में चमकते चेहरों पर झलकने लगा। मां को विदा करते हुए बुधवार को महिलाओं की आंखें भर आईं। बंगाली समाज की महिलाओं ने विसर्जन शोभायात्रा निकाली। विसर्जन शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ निकली। महिलाओं की टोली उलुदेवा करती हुई आगे बढ़ी। राजाघाट पहुंचकर विधि-विधान से विसर्जन किया गया।

(एक दूसरे को सिंदूर लगाती महिलाएं)


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