बिहार में फर्जी शिक्षकों की बहाली मामले में होगी बड़ी कार्रवाई, नपेंगे DEO-DPO, जानिए
बिहार में फर्जी प्रमाणपत्रों पर शिक्षकों की बहाली मामले में विजिलेंस की टीम अब बड़ी कार्रवाई कर सकती है। इससे संबंधित डीईओ और डीपीओ पर टीम बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
पटना [सुनील राज]। फर्जी प्रमाण पत्र पर राज्य के सरकारी स्कूलों में बहाल नियोजित शिक्षकों के मामले में निगरानी ब्यूरो बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। निगरानी ब्यूरो के निशाने पर इस बार जांच के पांच वर्ष बाद भी शिक्षकों के फोल्डर देने में आनाकानी करने वाले अफसर हैं। निगरानी के निशाने पर डीईओ-डीपीओ के साथ ही नियोजन इकाईयां हैं।
नहीं मिले 1.09 लाख फोल्डर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पांच वर्ष की अवधि में दर्जनों बार निर्देश देने के बाद निगरानी ब्यूरो को अब भी करीब 1,09,683 शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिले हैं। इनमें उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक शिक्षक, लाइब्रेरियन और प्राथमिक शिक्षकों के फोल्डर शामिल हैं। सबसे ज्यादा फोल्डर प्राथमिक शिक्षकों के हैं। निगरानी ब्यूरो ने इसे अफसरों की लापरवाही और कोर्ट के आदेश की अनदेखी माना है।
अब बन रही अफसरों की सूची
अधिकारियों की इस लापरवाही से निपटने के लिए अब निगरानी ब्यूरो सख्त हो गया है। निगरानी अब जिलों में तैनात शिक्षा विभाग के दोषी पदाधिकारियों को सूचीबद्ध कर रही है। अधिकारियों की सूची बनने के बाद निगरानी सरकार को जिलों में तैनात अधिकारियों की कारगुजारी से अवगत कराते हुए सरकारी कार्यों में बाधा डालने और अनावश्यक रूप से दोषी शिक्षकों को बचाने की जानकारी देकर कार्रवाई की अनुशंसा करेगी।
अब तक करीब चार लाख प्रमाणपत्रों की हुई जांच
पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच 2015 में शुरू हुई थी। कोर्ट ने निगरानी ब्यूरो को प्रमाणपत्रों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। निगरानी ब्यूरो को पांच जनवरी 2020 तक 2,43,129 शिक्षकों के फोल्डर मिले हैं। एक फोल्डर में शिक्षकों के तीन से पांच प्रमाणपत्र हैं। सूत्रों की माने तो अब तक ब्यूरो ने चार लाख से अधिक प्रमाणपत्रों की जांच पूरी कर ली है।
निगरानी ब्यूरो को मिले फोल्डर एक नजर में :
शिक्षक श्रेणी शिक्षक संख्या प्राप्त फोल्डर
उच्चतर माध्यमिक 11787 11743
माध्यमिक 27897 27423
लाइब्रेरियन 2082 2062
प्राथमिक 311046 201901