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कोरोना के नाम पर पटना में बैठ दिल्ली वालों से करते थे ठगी, अकाउंट में हर दिन आते थे लाखों रुपये

दो से पांच हजार रुपये खर्च कर पश्चिम बंगाल से फेक आइडी पर सिमकार्ड और मोबाइल खरीद कर बैंक अधिकारी बन लोगों के खाते से रकम उड़ाने वाला यह गिरोह आपदा को अवसर बनाने से नहीं चूका। -

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 06:09 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 06:09 AM (IST)
कोरोना के नाम पर पटना और झारखंड में बैठकर दिल्ली वालों को ठगने का मामला सामने आया है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : दो से पांच हजार रुपये खर्च कर पश्चिम बंगाल से फेक आइडी पर सिमकार्ड और मोबाइल खरीद कर बैंक अधिकारी बन लोगों के खाते से रकम उड़ाने वाला यह गिरोह आपदा को अवसर बनाने से नहीं चूका। पटना और झारखंड में बैठकर दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर इंजेक्शन से लेकर हॉस्पिटल में बेड दिलाने के नाम पर जालसाजी कर रहा था। दिल्ली पुलिस और बिहार आर्थिक अपराध इकाई की टीम पहले दानापुर से दो जालसाज को गिरफ्तार की और अब उन्हीं की निशानदेही पर बख्तियारपुर से दो जालसाज को दबोच ली। उनके पास से बरामद पासबुक, एटीएम और मोबाइल से कई और नाम सामने आए हैं। अब तक की जांच में पता चला है कि इनके संपर्क में दर्जन भर से अधिक जालसाज हैं। ये दिल्ली पुलिस और ईओयू की सक्रियता देख अपना ठिकाना बदल दिए हैं। 

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हर दिन एक लाख रुपये की करते ठगी

चारों अब तक दिल्ली में करीब दो सौ मरीजों के स्वजनों के साथ ठगी कर चुके हैं। ठगी से इनके खाते में महज 25 दिनों में 25 लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। वहीं, दिल्ली पुलिस भी एक माह में जालसाजी के करीब तीन सौ मामले दर्ज कर चुकी है और अब तक 91 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें अधिकांश का कनेक्शन पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार से है।  

400 से अधिक नंबर ट्रेस करने के बाद ब्लॉक

ऑक्सीजन सिलेंडर और इंजेक्शन दिलाने के नाम से पर एडवांस में ई-वॉलेट और अकाउंट में 20 हजार से 50 हजार रुपये की डिमांड करते थे। जैसे ही रुपये खाते में आते थे उक्त नंबर को बंद कर देते थे। जब पुलिस नंबर ट्रेस करती थी तो वह किसी और राज्य का मिलता था। ई-वॉलेट की जांच और अन्य तकनीकी जांच होने और पता चला कि ज्यादातर वाट््सएप कॉल किया गया या फिर कांफ्रेंस पर लेकर जालसाज बात करते थे। ऐसे में लोकेशन झारखंड के मिलता था। इस तरह 400 से अधिक नम्बर को ट्रेस किया गया, जिन्हें ब्लॉक कर दिया गया। क्योंकि सभी नम्बर फेक आइडी पर लिए गए थे। इनके बैंक अकाउंट महाराष्ट्र, पटना और दिल्ली एनसीआर में मिले। 

सौ से अधिक बैंक अकाउंट को खंगाल रही टीम

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने फ्रॉड करने वाले 150 से अधिक बैंक अकाउंट को सीज करवाया है, जबकि बिहार आर्थिक अपराध इकाई भी सौ से अधिक खातों की जांच के जुटी है। गिरोह का नेटवर्क पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और दिल्ली तक फैले हुआ है।


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