प्लास्टिक का प्रयोग करें बंद, खोजना होगा दूसरा विकल्प
पूरे विश्व में प्लास्टिक का प्रयोग बहुत अधिक हो रहा है।
पटना। पूरे विश्व में प्लास्टिक का प्रयोग बहुत अधिक हो रहा है। शुरुआती दौर में यह एक बड़ी सुविधा के तौर पर सामने आया, लेकिन अब यह एक समस्या बन गया है। ऐसे में लोग अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक का प्रयोग कर स्वयं को प्लास्टिक के बीच घिरा पा रहे हैं। दैनिक जीवन में प्रयोग आने वाली प्लास्टिक की वस्तुएं न केवल हमें नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि पर्यावरण के साथ इसका असर जीव-जंतुओं पर पड़ा है।
प्लास्टिक को अपने जीवन से बाहर निकालने और इसका विकल्प तैयार करने के लिए सरकार के साथ आम लोगों को भी इस विषय पर सोचने की जरूरत है। दैनिक जागरण बागबान क्लब की ओर से साप्ताहिक परिचर्चा अंतर्गत मंगलवार को दैनिक जागरण कार्यालय में 'प्लास्टिक को ना कहें - स्वच्छता के लिए इसका विकल्प क्या है' विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में बागबान क्लब के सदस्यों ने बढ़-चढ़ कर भाग लेते हुए अपने विचारों से समाज को प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने का संदेश दिया।
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पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में प्लास्टिक की वस्तुओं का भी अहम रोल है। इसकी रोकथाम के लिए स्वयं जागरूक होना पड़ेगा। सरकार और समाज को इसका विकल्प ढूंढना होगा।
रामसूर्य पांडेय, नेहरू नगर
प्लास्टिक की सामग्री से हम सभी घिरे हुए हैं। इनसे बाहर निकलने की जरूरत है। सबसे पहले इसकी शुरुआत अपने घरों से करनी होगी। प्लास्टिक का कम से कम या नहीं के बराबर प्रयोग करें।
रवींद्र सिन्हा, पूर्वी बोरिग केनाल रोड
सबसे पहले अपने आप में सुधार लाने की जरूरत है। पारंपरिक वस्तुओं का प्रयोग दैनिक जीवन में करने की जरूरत है। बाजार जाने के लिए कपड़े के थैले का प्रयोग कर दूसरों को भी जागरूक करें।
शिव चरण प्रसाद, लोक गायक, पटेल नगर
प्लास्टिक के कारण पर्यावरण का संतुलन काफी बिगड़ गया है। प्लास्टिक से बनी वस्तुओं पर सरकार को प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। इसका विकल्प सरकार को खोजना होगा।
विमलेश कुमार, राजीव नगर
प्लास्टिक की बोतल और अन्य सामग्री के कारण शहर के नदी-नाले और सीवरेज पटे पड़े हैं। इसके कारण पानी का बहाव ठीक से नहीं हो पाता है। ऐसे में इसके प्रति लोगों को जागरूक होना होगा और प्लास्टिक को अपने घर से बाहर निकालना होगा।
सतीश कुमार, कुर्जी
आम इंसान के साथ पशु-पक्षियों पर भी प्लास्टिक का प्रभाव पड़ा है। कई पशु प्लास्टिक को ग्रहण कर अपना दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में लोग स्वयं को जागरूक करने के साथ दूसरे को भी इसके प्रति जागरूक करें।
शंभू नाथ पांडेय, न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी
प्लास्टिक निर्मित हर वस्तु पर्यावरण से लेकर आम इंसान के लिए खतरनाक है। इसका निर्माण करने वाली कंपनी को बंद कर इसका बेहतर विकल्प तलाशने की जरूरत है।
अरविंद कुमार सिंह, पूर्वी बोरिग केनाल रोड
प्लास्टिक हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है। पीने का जल से लेकर दैनिक उपयोग के लिए हम प्लास्टिक पर निर्भर हो गए हैं। इस विचारधारा को बदलने की जरूरत है, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।
लाल बिहारी प्रसाद, गोसाई टोला
पुरानी परंपरा की ओर मुड़ने की जरूरत है। लोग प्लास्टिक का प्रयोग बंद कर पीतल, स्टील, कांसा आदि के बर्तनों का प्रयोग अपने जीवन में करें। प्लास्टिक की सामग्री का निर्माण बंद हो, ताकि पर्यावरण संतुलित हो सके।
शंभु प्रसाद, पूर्वी पटेल नगर
सभी जीव-जंतुओं पर प्लास्टिक का असर पड़ा है। पृथ्वी की उर्वरा क्षमता कमजोर होते जा रही है। ऐसे में इन चीजों के प्रति प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। सरकार और स्वयं को इस दिशा में कठोर कदम उठाने होंगे।
जय नारायण सिंह, रामनगरी
सभी को अपने जीवन में संकल्प लेने की जरूरत है। घरों में प्लास्टिक का प्रयोग न हो, इसके लिए लोगों को भी जागरूक करने की जरूरत है। अपने स्तर से किसी प्रकार के प्लास्टिक का प्रयोग नहीं होने दें।
महेश चंद्र झा, राजीव नगर
कानूनी रूप से इसे बंद करना अव्यवहारिक है। पहले प्लास्टिक का विकल्प ढूंढना होगा। इसके बाद लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है। सिर्फ कानून बना देने से कुछ नहीं होगा। स्वयं के प्रति वफादार होना होगा।
श्यामजी सहाय, अध्यक्ष, बागबान क्लब
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परिचर्चा के दौरान विजय कुमार सिंह, कृष्ण प्रसाद सिंह, हरेंद्र सिंह, योगेंद्र राम, श्रीकांत यादव, विनोद कुमार सिन्हा, कृष्णा कुमार सिंह, कृष्ण चंद्र प्रसाद, लखन प्रसाद, राजेंद्र तिवारी आदि ने अपने विचार दिए।