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पीएमसीएच की इमरजेंसी-ओपीडी के रजिस्ट्रेशन में देरी पर हंगामा

अनलॉक-1 के पहले दिन सोमवार को अन्य जिलों से पीएमसीएच की ओपीडी में रोगी नहीं पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 09:46 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 09:46 PM (IST)
पीएमसीएच की इमरजेंसी-ओपीडी के रजिस्ट्रेशन में देरी पर हंगामा

पटना : अनलॉक-1 के पहले दिन सोमवार को अन्य जिलों से पीएमसीएच की ओपीडी में रोगी नहीं पहुंचे। सभी विभागों की ओपीडी में करीब सात सौ मरीज ही पहुंचे। बावजूद इसके मुख्य इमरजेंसी, टाटा वार्ड की इमरजेंसी, मुख्य ओपीडी, शिशु और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की ओपीडी के पंजीयन काउंटर में शरीरिक दूरी नहीं दिखी। वहीं पंजीयन में देर होते देख मरीजों ने हंगामा व धक्का-मुक्की तक की। कोरोना काल में पंजीयन काउंटरों पर ऐसा हाल देखकर कई चिकित्सकों ने अधीक्षक से शिकायत तक की। अधीक्षक ने पंजीयन करने वाली एजेंसी को नया होने का हवाला देते हुए दो से तीन दिन में हालात सामान्य होने की बात कही। हाथ से बनाए गए पूर्जे, रिकॉर्ड भी नहीं हुआ मेंटेन

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मुख्य इमरजेंसी में हर रोगी का रिकॉर्ड रखना आवश्यक होता है, लेकिन अनलॉक-वन के पहले दिन ही व्यवस्था ऐसी बिगड़ी कि पर्चे हाथ से काटे गए। वहीं रोगियों के गुस्से को देखते हुए पंजीयनकर्मियों ने रजिस्टर में उनका रिकॉर्ड तक नोट नहीं किया। यही हाल टाटा वार्ड, शिशु और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में भी था। वहीं मुख्य ओपीडी में कंप्यूटर से कटने वाले पर्चो में मनचाहा रजिस्ट्रेशन नंबर, सभी का पता पटना का, डिपार्टमेंट की जगह स्टेटस ऑफ इंवेस्टीगेशन, स्त्री की जगह पुरुष और पुरुष की जगह स्त्री लिखने के साथ मोबाइल नंबर और पिता या पति के नाम वगैरह गायब थे। पंजीयन करने वाली एजेंसी को स्थिति ठीक करने के लिए दो दिन का समय

अधीक्षक डॉ. बिमल कारक ने तमाम विसंगतियों को ठीक करने के लिए पंजीयन करने वाली नई एजेंसी को दो दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा कि गत 13 वर्ष से जो एजेंसी पंजीयन कर रही थी, उसकी तुलना में नई एजेंसी काफी सस्ते में काम कर रही है। शुरुआत में ऐसी समस्याएं आती हैं, जो दूर कर ली जाएंगी।

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न्यू गार्डिनर में 310 ने कराया इलाज, 40 बच्चों का टीकाकरण

जासं, पटना : इंडोक्राइन के सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल न्यू गार्डिनर रोड में सोमवार को करीब 310 नए मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इसके अलावा 40 बच्चों का टीकाकरण किया गया। रोगियों की संख्या बढ़ने का कारण क्लीनिक पैथोलॉजी की जांच शुरू होना भी बताया जा रहा है।

निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि लॉक डाउन के पूर्व की तरह अस्पताल में सभी सेवाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए अस्पताल में व्यवस्थाएं की गई हैं। टीकाकरण और पैथोलॉजी के अलावा अन्य मरीजों के लिए परामर्श, दवाएं और पंजीयन सभी की अलग व्यवस्था की गई है।


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