तेजस्वी JDU के नेता नहीं...बगावती तेवर के साथ उपेंद्र कुशवाहा ने CM नीतीश के सामने रख दी नई शर्त
नीतीश कुमार से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने अब एक नई शर्त रख दी है। उन्होंने पार्टी में खुशी-खुशी रहने की बात कही है लेकिन सीएम नीतीश को एक फैसला करना होगा। कुशवाहा ने कहा कि वे किसी को भी पार्टी का नेता मान लेंगे लेकिन तेजस्वी को नहीं।
पटना, एजेंसी। नीतीश कुमार की जदयू पार्टी से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री के सामने नई शर्त रख दी है। उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को पटना में कहा कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद के नेता तेजस्वी यादव को जदयू की कमान सौंपने की बात से इनकार करेंगे, तो वह अपना विद्रोह छोड़ देंगे। कुशवाहा ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए। बिहार की जनता जो चाहती है, वही काम हो।
पांच रुपये की सदस्यता लेकर जदयू में रहेंगे कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुझे कोई पद नहीं चाहिए। मैं पांच रुपये वाला सदस्यता लेकर जदयू में रहने को तैयार हूं। मुझे संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष या राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने में भी कोई दिलचस्पी नहीं है। हालांकि, मैं तेजस्वी यादव को जदयू का नेता नहीं मान सकता। जदयू में अलग-थलग पड़ चुके उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कुछ लोग नीतीश जी को घेरकर गलत फैसले करवा रहे हैं। पार्टी को कमज़ोर किया जा रहा है।
बहुत जल्द जदयू पार्टी डूब जाएगी- कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि किसी ऐसे इंसान को जदयू की कमान सौंपी जाए, जो लव-कुश समाज या अतिपिछड़ा समाज का हो, जिसे लोग पसंद करते हो। कुशवाहा ने कहा कि अगर मौजूदा स्थिति जारी रहती है तो यह जदयू पार्टी बहुत जल्द डूब जाएगी। नीतीश कुमार ने बिहार को अंधेरे युग से बाहर निकाला था। उनकी विरासत पर बादल छाए हुए हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर छोड़ा फैसला
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राजद के लोग कहते रहते हैं कि महागठबंधन के गठन के समय एक सौदा हुआ था। इससे जदयू में उथल-पुथल मच गई है। केवल सीएम नीतीश कुमार ही इन अफवाहों पर विराम लगा सकते हैं। उन्हें कहना चाहिए कि वह 2025 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव को नेता के रूप में समर्थन नहीं दे रहे हैं।