सीएम नीतीश कुमार के और करीब आए उपेंद्र कुशवाहा, अब जदयू में रालोसपा के विलय से बनेंगे नए राजनीतिक समीकरण
रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की सीएम नीतीश से तीसरी बार मुलाकात के बाद जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने बिहार में नए सियासी समीकरण बनने के संकेत दिए। कहा- दोनों में सकारात्मक बात हुई है। कुशवाहा ने भी कहा मैं और नीतीश जी कभी अलग नहीं थे
पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) और उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की तीसरी मुलाकात के बाद जनता दल यूनाइटेड (JDU) व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) की दूरी लगभग खत्म होती दिख रही है। विलय की बात भी पक्की मानी जा रही है। कुछ अड़चनें हैं, जिन्हें दूर करने के लिए कुशवाहा ने नीतीश से मोहलत मांगी है। रविवार को जदयू के वरिष्ठ नेता बशिष्ठ नारायण सिंह (Vashishthh Narayan Singh) की मौजूदगी में मुख्यमंत्री आवास में दोनों प्रमुख नेताओं की लंबी और सकारात्मक बातें हुईं। दोनों ओर से आत्मीयता दिखाई गई। सबकुछ अच्छा होने का दावा किया गया। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में दोनों दल एक हो जाएंगे।
कुशवाहा का स्वीकार
नीतीश कुमार से मिलने के लिए कुशवाहा मुख्यमंत्री आवास में बशिष्ठ नारायण सिंह के साथ पहुंचे थे। करीब पौन घंटे बातचीत हुई। मुलाकात के बाद सीएम आवास से बाहर निकले उपेंद्र कुशवाहा ने भी स्वीकार किया कि नीतीश से वह कभी अलग नहीं थे। उनसे मेरा राजनीतिक विरोध था। आगे के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
बन रहे हैं नए सियासी समीकरण
हालांकि कुशवाहा ने खुद इस मुलाकात के बारे में ज्यादा बताने से परहेज किया, लेकिन बशिष्ठ नारायण सिंह ने मीडिया से बात करते हुए सबकुछ साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश और कुशवाहा के बीच पारिवारिक सदस्य की तरह बात हुई। किसी ने कोई शर्त नहीं रखी। पूरी उम्मीद है कि हम जल्द ही एक हो जाएंगे। राजनीतिक मतभेद के चलते उन्होंने अपना रास्ता अलग कर लिया था। अब उनके आने से जदयू को मजबूती मिलेगी, क्योंकि उनकी पकड़ समाज के सभी समुदायों पर है।
रालोसपा के एक वरिष्ठ नेता ने भी बताया कि लोक जनशक्ति पार्टी को राजग से बाहर का रास्ता दिखाने पर आमदा जदयू ने रालोसपा को साथ आने का न्योता दिया है। हालांकि प्रत्यक्ष तौर पर कुशवाहा जदयू में रालोसपा के विलय के सवाल को खारिज करते हैैं। उन्होंने कहा कि जदयू को भी अपनी भावना से अवगत करा दिया गया है।
पिछले महीने भी हुई थी मुलाकात
दोनों नेताओं की यह तीसरी मुलाकात है। पहली बार विधानसभा चुनाव (state assembly elections) के नतीजे (result) आने के बाद दोनों मिले थे। उसके बाद दो दिसंबर को मिलना हुआ था। तब भी जदयू में रालोसपा के विलय की बात उठी थी, लेकिन उस वक्त भी कुशवाहा ने जदयू में अपनी पार्टी का विलय करने से साफ इन्कार कर दिया था। फिर भी चर्चा है कि कुशवाहा और नीतीश कुमार की मुलाकात का परिणाम जल्द सामने आएगा और बिहार में नया राजनीतिक समीकरण बन सकता है। फिलहाल, इस मुलाकात को विधान परिषद (state legislative Council) की राज्यपाल कोटे की खाली 12 सीटों को भरे जाने के मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा है।