राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल हुई मीरा कुमार, जानिए इनका बिहार कनेक्शन
यूपीए ने मीरा कुमार को राष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है। मीरा कुमार मूल रूप से बिहार की रहने वाली हैं।
पटना [जेएनएन]। लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार अब राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल हो गई हैं। यूपीए ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया है। राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने के लिए संसद भवन में विपक्ष की हुई बैठक में मीरा कुमार का नाम तय हुआ।
बैठक में 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया। एनसीपी के शरद पवार ने मीरा कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा। विपक्ष का कहना है कि वे सेकुलर दलों से मीरा कुमार को समर्थन देने की अपील करेगा। मीरा कुमार 27 जून को नामांकन भरेंगी।
बैठक में कांग्रेस से सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, गुलाम नबी आज़ाद, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, बीएसपी से सतीश मिश्रा, टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, आरएलडी से अजीत सिंह, नेशनल कॉन्फ़्रेंस से उमर अब्दुल्ला, एनसीपी से शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, तारिक अनवर, सीपीएम से सीताराम येचुरी, सीपीआई से डी राजा और आरएलडी से लालू यादव पहुंचे।
बता दें कि बुधवार को कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद से ही इस बात के कयास लगाये जाने लगे थे कि मीरा कुमार को यूपीए राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का भी बयान आया था कि विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव जरूर लड़ेगा।
अब मीरा कुमार-रामनाथ कोविंद आमने-सामने
देखा जाए तो रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार दोनों ही काबिल व्यक्ति हैं। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मीरा कुमार की सफल पारी को देश की जनता देख चुकी है। मीरा कुमार अगली पीढ़ी की दलित हैं।
मीरा कुमार पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस जैसे प्रतिष्ठित कॉलेज से पढ़ाई की है। वे 1970 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गई थीं और कई देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दे चुकी हैं।
दूसरी अोर, कोविंद एक कानपुर देहात जिले के एक गांव में साधारण परिवार में पैदा हुए। उन्होंने कानपुर के एक कॉलेज से पढ़ाई की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद राजनीति में प्रवेश किया। उनका प्रशासनिक अनुभव बिहार के राज्यपाल के रूप में है। उम्र के लिहाज से देखा जाये तो मीरा कुमार 72 साल की हैं, जबकि रामनाथ कोविंद 71 साल के हैं।
गुरूवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के मुकाबले कांग्रेस ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार पर खत्म हो गई। यह फैसला कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी से उनके आवास 10 जनपथ में लिया गया।
मीरा कुमार का राजनीतिक सफर
भारत के पूर्व उपप्रधामंत्री की बेटी मीरा कुमार ने 80 के दशक में राजनीति में प्रवेश किया। वर्ष 1985 में वे पहली बार बिजनौर से सांसद चुनी गईं। 1990 में वे कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी की सदस्य बनीं और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की महासचिव भी चुनी गईं। वे दूसरी बार सांसद बनीं वर्ष 1996 में और संसद में तीसरी पारी उन्होंने 1998 में शुरु की। वर्ष 2004 में बिहार के सासाराम से लोकसभा के लिए उनका चयन हुआ।
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वर्ष 2004 की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में उन्हें सामाजिक न्याय मंत्री बनाया गया था। इस बार वे पाँचवीं बार संसद के लिए चुनी गई थीं। साल 2009 में मीरा कुमार लोकसभा की पहली महिला स्पीकर चुनी गईं थीं. वो साल 2014 तक इस पद पर रहीं। लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वो बिहार के सासाराम से ही छेदी पासवान के ख़िलाफ़ लड़ी थीं और हार गई थी।
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