UP के गैंगस्टर विकास दुबे का बिहार से भी था ये कनेक्शन, जानिए कैसे और क्या हुआ है खुलासा...
पुलिस एनकाउंटर में मारा गया उत्तरप्रदेश के कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का बिहार से भी कनेक्शन का खुलासा हुआ है। जानिक कैसे और क्या खुलासा हुआ है विकास दुबे के बारे में...
पटना, जेएनएन। कुछ दिनों पहले यानि बीते दो जुलाई को उत्तरप्रदेश के कानपुर के बिकरू गांव में घटी दिल दहला देने वाली घटना जिसमें पुलिस के ही साथियों की मुखबिरी का शिकार हुए 8 पुलिसकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और इस खौफनाक घटना को अंजाम देने वाला कुख्यात गेंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) था जो पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है। उसने ही अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ साजिश रची और घेर कर ताबड़तोड़ फायरिंग कर आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया।
बताया जा रहा है कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे के गुर्गों ने लाइसेंसी के साथ ही अवैध हथियारों से पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। पुलिस एनकाउंटर में मारे गए कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे का कनेक्शन अब बिहार से भी होने की खबर सामने आ रही है।
जानकारी के अनुसार विकास दुबे के पास जो हथियार थे उनमें से कुछ अपग्रेडेड कंट्री मेड (देसी) पिस्टल की सप्लाई उसे बिहार से होती थी। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार एसटीएफ और पुलिस के ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन में खुलासा हुआ है कि विकास दुबे का अवैध हथियारों की सप्लाई का भी एक बड़ा नेटवर्क था और् उसे हथियार मुहैया कराने वालों के बारे भी जानकारी सामने आई है। हालांकि ये कौन हैं और कैसे ये हथियार की सप्लाई करते थे, उनकी गिरफ्तारी के बाद ही बात सामने आएगी। पता चला है कि हथियार सप्लाई करने वाले अभी अंडरग्राउंड हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए विकास के गुर्गों ने बताया है कि जिस रात पुलिसकर्मियों की मौत की घटना को अंजाम दिया गया था, उस घटना की रात विकास के बुलावे पर वे सभी लाइसेंसी असलहा तो लाए ही थे, फायरिंग में एक दर्जन से ज्यादा अवैध तमंचों का भी उपयोग हुआ था। पहले राउंड में तमंचों से ही फायरिंग की गई थी। उसके बाद लाइसेंसी असलहों का प्रयोग किया गया था। गुर्गों ने यह भी बताया कि इतनी बड़ी संख्या में अवैध तमंचों की सप्लाई शुक्लागंज, उन्नाव और बिल्हौर के अलावा एमपी से होती थी और साथ ही कुछ अपग्रेडेड कंट्री मेड (देसी) पिस्टल की सप्लाई बिहार के मुंगेर से होती थी।
ऐसा माना जाता है कि विकास दुबे की टीम को भी मुंगेर के अवैध हथियार फैक्ट्री से ही तमंचों की सप्लाई की गई होगी।
विकास के गुर्गे हथियार का खुद ही कर लेते थे टेस्ट
उन्नाव, शुक्लागंज और बिल्हौर के चार सप्लायर विशेष तौर पर विकास के लिए तमंचे तैयार कराते थे। वह इनके बड़े ग्राहकों में शामिल था। विकास के गुर्गे खुद इतने शातिर थे कि असलहा देखकर उसकी पहचान बता देते थे। वह ऐसे तमंचे चुनते थे, जो फायरिंग मिस न करे। यही स्पलायर अवैध कारतूस भी मुहैया कराते थे। एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम इन सप्लायरों को खोजने में लगी है।
हर दो महीने में बदलते थे तमंचे
असलहों के मामले में विकास का गिरोह हमेशा अपडेट रहता था। कोई नया इसमें शामिल होता तो सबसे पहले उसे तमंचा ही थमाया जाता था। यही नहीं, तमंचे कहीं धोखा न दें, इसलिए हर दो माह में वह इन्हें बदलवा देता था। पुराने तमंचों को गलाकर नए तैयार किए जाते थे।