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बिहार महागठबंधन में दिखी एकता, RJD कार्यालय में जुटे घटक दल के नेता; नीतीश पर बरसे तेजस्‍वी

उपेंद्र कुशवाहा के अनशन खत्म करने से पहले शनिवार को संयुक्त विपक्ष ने राजद कार्यालय में एकजुट होकर राज्य सरकार को केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन नहीं देने के मुद्दे पर कोसा।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 09:19 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 09:19 PM (IST)
बिहार महागठबंधन में दिखी एकता, RJD कार्यालय में जुटे घटक दल के नेता; नीतीश पर बरसे तेजस्‍वी

पटना, राज्य ब्यूरो। रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के अनशन खत्म करने से पहले शनिवार को संयुक्त विपक्ष ने राजद कार्यालय (RJD Office) में एकजुट होकर राज्य सरकार को केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन नहीं देने के मुद्दे पर कोसा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि राज्य सरकार आईसीयू में है। उसे बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की तनिक भी परवाह नहीं है।

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मीडिया से बातचीत के दौरान तेजस्वी के अलावा समाजवादी नेता शरद यादव (Sharad Yadav), कांगेस नेता एवं राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह (Akhilesh Prasad Singh), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi), रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी एवं राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) भी मौजूद थे। 

तेजस्वी ने कहा कि विपक्षी दल चाहते हैं कि राज्य में स्कूल और अस्पताल बने। युवाओं को रोजगार के अवसर मिले। विधि-व्यवस्था में सुधार हो एवं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, किंतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने की चिंता है।

उन्‍होंने कहा कि रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा चार दिनों से नवादा और औरंगाबाद जिले में केंद्रीय विद्यालय के लिए राज्य सरकार से जमीन देने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। केंद्रीय विद्यालय के लिए राज्य सरकार को सिर्फ अनापत्ति प्रमाण पत्र देना है, जो नहीं दे रही है। 

तेजस्वी ने कहा कि कुशवाहा ने ऐसी कौन सी बड़ी मांग कर दी है, जिसे राज्य सरकार पूरी नहीं कर रही। एक महंत ने स्कूल के लिए जमीन दी है। अब राज्य सरकार को सिर्फ अनापत्ति देनी है। समस्तीपुर में जो मेडिकल काॅलेज खुला उसके लिए भी वहां के एक महंत ने जमीन दी थी, तो केंद्रीय विद्यालय के लिए एनओसी क्यों नहीं दिया जा रहा है। ता दें कि इसके बाद महागठबंधन के सभी नेता पीएमसीएच गये और उपेंद्र कुशवाहा का अनशन तोड़वाया। 


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