शिक्षक दिवस पर बिहार के दो शिक्षकों को मिलगा मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान, जानिए क्या खास किए काम
बेगूसराय के शिक्षक संत कुमार सहनी और छपरा के अखिलेश्वर पाठक को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जाएगा। इन शिक्षकों ने ज्ञान की लौ जलाकर पूरे इलाके का कायाकल्प किया ।
बेगूसराय/ छपरा, जेएनएन। नक्सली बस्ती में शिक्षा का अलख जगाने वाले बेगूसराय के संत कुमार सहनी और सरकारी स्कूल का कायाकल्प करने वाले छपरा के अखिलेश्वर पाठक को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को अवार्ड के लिए चयनित शिक्षकों की सूची जारी की है। दोनों शिक्षकों के शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए पूरे देश से कुल 47 शिक्षकों का चयन किया गया है।
बेगूसराय के नक्सल प्रभावित इलाके वीरपुर के सुदूर गांव खरमौली के मीडिल स्कूल के प्रधान शिक्षक संत कुमार सहनी वर्ष 2004 में जब विद्यालय आए तो महज 123 बच्चे नामांकित थे। शिक्षा के प्रति पूरे इलाके में उदासीनता थी। उन्होंने लोगों से मिलकर बच्चों को पढ़ाने के लिए जागरूक किया। लगातार जागरूकता अभियान के माध्यम से ही ग्रामीणों से जमीन दान करवाई और मिडिल स्कूल को हाईस्कूल बनवाया। नतीजा, बच्चों की संख्या बढ़कर अब 1326 तक आ गई है। इस बार मैट्रिक के रिजल्ट में यहां के बच्चों ने 92 प्रतिशत अंक हासिल करने में सफलता पाई है। आज इस स्कूल के बच्चे जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की अधिसंख्य प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल कर रहे हैं।
निजी स्कूलों की तरह सुविधाएं
छपरा के गड़खा प्रखंड के मध्य विद्यालय चैनपुर भैंसमारा के प्रधान शिक्षक अखिलेश्वर पाठक का प्रयास भी कम नहीं। वे कस्तूरबा विद्यालय के भी प्रभार में हैं, जहां उन्होंने शत-प्रतिशत नामांकन कराया है। इतना ही नहीं, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिरौना में प्रधानाध्यापक रहते हुए एक एकड़ जमीन विद्यालय को दान में दिलवाई। मनरेगा की तरफ से इसमें पौधरोपण भी करवाया। इनके विद्यालय में छात्रों की बायोमिट्रिक हाजिरी लगती है। क्लासरूम के साथ पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की व्यवस्था है। विद्यालय में पोषण वाटिका, मध्याह्न भोजन बनाने के लिए किचन के अलावा बच्चों को खिलाने के लिए बड़ा सा हॉल भी बनाया गया है। शुद्ध जल के लिए आरओ एवं वाशिंग प्लेटफॉर्म बनाया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिलने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने अखिलेश्वर पाठक को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि अपने कर्तव्य व ईमानदारी के बल पर यह पुरस्कार प्राप्त किया है।