अधिवक्ता हत्याकांड में एसआइटी के हत्थे चढ़े दोनों शूटर
एसआइटी ने हाईकोर्ट अधिवक्ता हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है।
पटना । एसआइटी ने हाईकोर्ट अधिवक्ता हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। मर्डर में शामिल दोनों शूटरों को पुलिस ने दबोच लिया है। उनसे पूछताछ चल रही है। दोनों के पास से बरामद मोबाइल नंबर की जांच में भी साफ हो गया है कि वारदात के दिन उनकी प्रॉपर्टी डीलर ताजुद्दीन से बातचीत हुई थी। घटना के बाद से ताजुद्दीन का मोबाइल बंद है। हालांकि एसआइटी दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं कर रही है। उधर लोकेशन के आधार पर पुलिस की एक टीम प्रॉपर्टी डीलर की तलाश में नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में दबिश दे रही है। सूत्रों की मानें तो शनिवार को डीआइजी राजेश कुमार हत्याकांड का पर्दाफाश कर सकते हैं। जोनल आइजी नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि हत्याकांड में शामिल फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
: दो घंटे तक एसआइटी के साथ हुई समीक्षा बैठक :
शुक्रवार दोपहर में आइजी ने डीआइजी राजेश कुमार और एसआइटी के साथ अब तक की जांच और गिरफ्तारी को लेकर समीक्षा बैठक की। अब की गिरफ्तारी और उनका हत्याकांड से क्या संबंध है, किस साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तारी हुई है इस पर भी चर्चा की गई। डीआइजी ने आइजी को आश्वासन दिया कि टीम कई अभियुक्तों के पीछे लगी है। एसआइटी के हत्थे चढ़े दोनों बदमाशों ने पूछताछ में दो नामजद अभियुक्तों के बिहार से बाहर भागने की सूचना दी है। इनकी तलाश में दो टीमें छापेमारी कर रही हैं। टावर लोकेशन के आधार पर मुख्य अभियुक्त ताजुद्दीन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम उसके पीछे लगी है।
एक बीघा जमीन से ही जुड़ा है सभी का कनेक्शन :
हाईकोर्ट अधिवक्ता की हत्या में पुलिस हरेक बिंदु पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। अधिवक्ता की पत्नी, साला और प्रॉपर्टी डीलर सहित दोनों शूटरों के कॉल डिटेल से लेकर घटना के दौरान सभी का लोकेशन तक पुलिस पता हर चुकी है। एसआइटी की अब तक तफ्तीश में खगौल स्थित एक बीघा जमीन के विवाद को लेकर कई साक्ष्य मिले हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने उस बिल्डर को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसको ताजुद्दीन ने जमीन दिखाकर 70 लाख रुपये लिए थे।