दिन में फेरी वाला बनकर करते थे रेकी, आधी रात में डालते थे डाका
व्यवसायी के घर में डाका डालने की थी योजना
पटना । दिन में फेरी वाला बनकर घरों की रेकी और रात में डाका डालने वाले कच्छा बनियान गिरोह के दो बदमाश बंटी काछी और चंदर चौहान को पटना पुलिस ने रविवार की देर रात अगमकुआं थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। दोनों गुजरात और एमपी के रहने वाले हैं। इनके गिरोह में यूपी के बदमाश भी शामिल हैं। गिरोह में शामिल महिला व बच्चों के साथ 30 बदमाशों का नाम सामने आ चुका है। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि यह वहीं गिरोह है, जिसने फुलवारीशरीफ में डकैती के दौरान एक की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि दूसरे दिन शाहपुर में डकैती के दौरान परिजनों को पीटकर घायल कर दिया। दोनों बदमाशों को पुलिस कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर भी ले ली है। पूछताछ में पता चला कि गिरोह के बदमाश चार साल से पटना और आसपास के जिलों में घूमकर कपड़े की फेरी लगा रहे थे। कुछ माह से गिरोह आरा जिले के रमना मैदान में गुल-गुलिया नट बनकर डेरा डाले हुए था।
व्यापारी की पत्नी ने किया था पुलिस को फोन
पुलिस को यह सफलता ऐसे ही नहीं मिली। जानकारी के मुताबिक रविवार की रात करीब एक बजे कुछ बदमाश अगमकुआं के बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी, अमरनाथ मंदिर रोड निवासी राजेश कुमार के घर में घुस गए थे। ग्रिल तोड़कर घर में घुसे बदमाशों ने अंदर से लॉक मुख्य दरवाजे को खोल दिया था। इसके बाद दो बदमाश कमरे का ताला तोड़ने लगे। ताला तोड़ने की आवास सुन राजेश की पत्नी की नींद खुद गई। उन्होंने देखा कि दो नकाबपोश बदमाश घर में दाखिल हो गए हैं। वह चुपके से मोबाइल उठाई और अगमकुआं थानेदार अशोक कुमार पांडेय को फोन कर घटना की सूचना दी। अशोक कुमार ने दलबल के साथ मकान संख्या फोर एच थ्री के बाहर घेराबंदी कर दी। इस दौरान भनक लगते ही अंधेरे का फायदा उठाकर कुछ बदमाश भाग निकले, जबकि दो बदमाशों को पुलिस ने दबोच लिया।
यूपी से लेकर एमपी में भी है गिरोह का आतंक
बंटी काछी पटेल मूल रूप से अहमदाबाद के कोतवाली थाना क्षेत्र का निवासी है, जबकि चंदर चौहान मध्य प्रदेश के सतना जिला के नारियल तालाब गांव का रहने वाला है। दोनों ने पूछताछ में बताया कि इनके गिरोह में आधा दर्जन महिलाएं और चार-पांच बच्चे भी हैं। गिरोह वारदात के पहले पूजा करता है। फिर महिलाओं को घरों में बर्तन बदलने और पुराने बर्तन को साफ करने के नाम भेजता है। यह गिरोह शाहपुर, फुलवारीशरीफ, आलमगंज, राजीवनगर और अगमकुआं में डकैती और चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। बंधक बनाकर डकैती डालने के दौरान विरोध करने पर ये बदमाश गोली मार देते थे। गिरोह पूर्व में यूपी के बांदा, विन्ध्याचल सहित पूर्वाचल के कई जिलों में डकैती और चोरी की घटना को अंजाम दे चुका है। पुलिस ने दोनों बदमाशों के पास से हीरे का हार, सोने की चूड़ी, ब्रांडेड कंपनी का कैमरा, दो ब्रांडेड कंपनी की घड़ी, पेचकस, लोहे का रॉड और टॉर्च बरामद किया है।
समय के साथ बदल दिए डकैती का तरीका
पुलिस की पूछताछ में बंटी और चंदर ने बताया कि पहले घटना को अंजाम देने के लिए बनियान और लोहे या पेड़ की टहनी का इस्तेमाल करते थे। अब लोहे की रॉड की जगह डराने-धमकाने के लिए पिस्टल भी पास में रखते हैं। खुद की गाड़ी भी रखते हैं। गिरोह में 30 लोग हैं और दस-दस की टीम बनाकर घटना को अंजाम देने के लिए निकलते थे। तीनों टीम में तीन सरगना हैं। दोनों ने मोबाइल से अपने कुछ साथियों की तस्वीर भी पुलिस को उपलब्ध कराई है।
रेलवे लाइन के पास व सुनसान में बने घर निशाने पर
गिरोह एक सप्ताह में एक या दो घटनाओं को अंजाम देता था। फेरी वाला बनकर गांव के बाहर सुनसान जगह बने घर की रेकी करते थे। कोशिश रहती थी कि रेलवे लाइन के आसपास के घर में घटना को अंजाम दिया जाए। गिरोह ने यूपी में रेलवे लाइन के आसपास के इलाके में घटना को तभी अंजाम दिया जाता था जब किसी ट्रेन के आने-जाने का समय हो। फुलवारी और शाहपुर में घटना के बाद गिरोह आरा में नट बनकर रह रहा था।
2014 में हुई थी सरगना की गिरफ्तारी, कई की तलाश
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि दोनों बदमाशों को दो दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। गिरोह के पीछे पुलिस की दो-तीन टीमें लगी थीं। इनके सरगना नसीमुद्दीन को 2014 में गिरफ्तार किया गया था, जो जेल से बाहर आने के बाद पिछले कुछ साल से गिरोह संचालित कर रहा है। पुलिस के हाथ गिरोह के सभी बदमाशों के नाम और ठिकाने मिल चुके हैं। कुछ बदमाशों की तस्वीर भी हाथ लगी है, जो पटना में पिछले दो माह में कई घटना को अंजाम दे चुके हैं। गिरोह के सभी बदमाशों की तलाश आरा सहित अन्य जिलों में की जा रही है।