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केवाईसी अपडेट करने के नाम पर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

लाटरी व केवाईसी अपडेट कराने का झांसा देकर पल भर में लोगों का खाता खाली करने वाले दो साइबर अपराधी को पत्रकार नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बीते एक वर्ष से साइबर ठगी कर रहे थे। उनकी पहचान झारखंड बोकारो के बैरमो थाना निवासी रंजीत कुमार गुप्ता और नवादा का कौआकोल थाना क्षेत्र निवासी राजेश कुमार गुप्ता के रूप में हुई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 02:22 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 02:22 AM (IST)
केवाईसी अपडेट करने के नाम  पर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार
केवाईसी अपडेट करने के नाम पर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

पटना। लाटरी व केवाईसी अपडेट कराने का झांसा देकर पल भर में लोगों का खाता खाली करने वाले दो साइबर अपराधी को पत्रकार नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बीते एक वर्ष से साइबर ठगी कर रहे थे। उनकी पहचान झारखंड बोकारो के बैरमो थाना निवासी रंजीत कुमार गुप्ता और नवादा का कौआकोल थाना क्षेत्र निवासी राजेश कुमार गुप्ता के रूप में हुई है। ठगों के पास से छह लाख रुपये नकदी, अलग-अलग बैंकों के 23 एटीएम कार्ड, चार मोबाइल फोन, एक बाइक सहित पांच पासबुक बरामद किए गए हैं। आरोपित पटना में रहकर देश भर के सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुके हैं।

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पत्रकारनगर थाना प्रभारी मनोरंजन भारती ने बताया कि 23 जनवरी की रात गश्ती दल ने 90 फीट रोड पर एक एटीएम के समीप दो संदिग्धों को बाइक से भागते देखा। पुलिस ने पीछा कर रंजीत कुमार और राजेश कुमार को दबोच लिया। तलाशी में उनके बैग से रुपये, एटीएम कार्ड मिले। आरोपितों ने बताया कि कुम्हरार में एक महंगे अपार्टमेंट में किराए पर फ्लैट ले रखा था। एक वर्ष से बिहार सहित दिल्ली, यूपी, हरियाणा व पंजाब सहित देश भर के 300 से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुका है।

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गिरोह के 12 शातिर

लोगों से कर रहे ठगी

सरगना विकास कुमार सहित गिरोह के 12 शातिर ठगी में लगे हैं। ज्यादातर ठग नवादा व नालंदा जिला के रहने वाले हैं। रंजीत कुमार कारोबारी जबकि राजेश कुमार किसान का बेटा है। लोगों के खातों से उड़ाई गई रकम का प्रयोग आरोपित अय्याशी के लिए करते थे। वे हवाई यात्रा के साथ ही ब्रांडेड कपड़े और जूते के शौकीन हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपित लोगों को लाटरी, नौकरी दिलाने, केवाईसी अपडेट, चेहरा पहचानों प्रतियोगिता, कंपनी का सीएनएफ दिलाने, एटीम बंद होने, लक्की विजेता होने व सर्वे कराने का झांसा देकर उनके खाते की जानकारी, पासवर्ड इत्यादि हासिल कर खातों से रकम उड़ा लेते थे। ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न बैंकों में पांच सौ से अधिक खाता का उपयोग करते हैं। बाद में उन खातों से रुपये निकाल लिए जाते थे। सरगना ठगों को फ्लैट में रहने खाने व बाइक में पेट्रोल भरवाने का खर्च अलग से देता था।

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सरगना विकास कुमार देता

था ठगी का प्रशिक्षण

नवादा निवासी विकास कुमार ने स्नातक की पढ़ाई कर रही है। वह गिरोह के सदस्यों को ठगी का प्रशिक्षण देता है। रंजीत कारोबारी, जबकि राजेश किसान का बेटा है। ये दोनों भी स्नातक हैं। रंजीत राजेश का पुराना साथी है। राजेश के कहने पर रंजीत झारखंड से आकर पटना में रहकर ठगी कर रहा था।


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