सऊदी से लिखकर भेज दिया था तीन तलाक, पीडि़ता बोली- काश! यह फैसला पहले होता
तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम महिलाओं में काफी खुशी है। एक पीडि़ता ने कहा कि जब किसी बहन की जिंदगी बर्बाद नहीं होगी।
पटना [जेएनएन]। तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से गोपालगंज के छोटकी बगही गांव की शाहीन परवीन बेइंतिहा खुश हैं। फैसले की जानकारी होते ही उनके मुंह से पहले शब्द निकले, अब मेरी तरह अन्य बहनों की जिंदगी बर्बाद नहीं होगी। एक गहरी सांस लेने के बाद उन्होंने कहा, काश! यह फैसला कुछ साल पहले आ गया होता तो मेरी भी जिंदगी बर्बाद होने से बच जाती।
सिवान जिले के बड़हिरया थाना क्षेत्र के लकड़ी दरगाह निवासी शाहीन की शादी 2003 में हथुआ के छोटकी बगही गांव निवासी तस्लीम मियां के पुत्र फिरोज खान से हुई थी। शादी के बाद फिरोज काम करने सऊदी अरब चला गया।
शाहीन ने बताया कि उसके पति ने वहां एक दूसरी लड़की से शादी कर ली। इसके बाद सऊदी से ही एक पन्ने पर तीन बार तलाक लिख कर भेज दिया। तब उसकी शादी को महज डेढ़ साल हुआ था। माता-पिता की इकलौती पुत्री शाहीन ने तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा किया।
यह भी पढ़ें: तीन तलाक को किया नामंजूर तो पति ने कर दी थी हत्या, जानिए
इसी बीच उसके पति ने तीसरी शादी कर ली। इस सदमे से उनकी मां की मौत हो गई। पिता को हार्ट अटैक आ गया। गत कई साल से मुकदमा लड़ रही शाहीन ने बताया कि अब वह थक चुकी हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उन्हें ताकत मिली है। इस फैसले की जितनी सराहना की जाए वह कम है।
यह भी पढ़ें: सुमो बोले- गलती से सृजन घोटाले की CBI जांच की मांग कर बैठे लालू