बिहार में TripleTalaq Bill पर सियासत: BJP ने बताया ऐतिहासिक, कुशवाहा ने नीतीश पर कही बड़ी बात
तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास हो गया है। जदयू समेत अन्य दलों के विरोध का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। दोनों सदनों से इसके पास होने के बाद बिहार में बयानों का दौर शुरू है।
पटना, जेएनएन। राज्यसभा में तीन तलाक बिल मंगलवार को पास हो गया। इसे लेकर बुधवार को भी बिहार में सियासी बयानों का दौर जारी है। बता दें कि जदयू ने तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए राज्यसभा से वाक आउट कर गया था। बिहार में बीजेपी नेताओं ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया तो राजद ने कहा कि लोकतंत्र के जनाजे में हमसब शामिल हो गए। वहीं रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि तीन तलाक पास होने के लिए जदयू सुप्रीमो व सीएम नीतीश कुमार को दोषी ठहराया।
रालोसपा प्रमुख ने जदयू के रुख पर उठाया सवाल
रालोसपा अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि तीन तलाक बिल पर नीतीश कुमार का असली चेहरा लोगों के सामने आया है। उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के रुख पर गंभीर सवाल खड़े किए। इस संबंध में भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कुशवाहा ने कहा कि इस बिल का मकसद मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाना नहीं, बल्कि सियासी हित साधना है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में बिल पर वोटिंग के दौरान सदन से गैरहाजिर रहकर जदयू ने सरकार का साथ दिया। ऐसा कर उसने अपना असली चरित्र देश के सामने रख दिया है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया ऐतिहासिक दिन
इसके पहले तीन तलाक बिल के पास होेने का स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने इस बिल के माध्यम से जबर्दस्त लीड किया है। इस जीत के लिए देशभर की मुस्लिम महिलाओं को बधाई देता हूं।
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी किया स्वागत
उधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी तीन तलाक बिल के पास होने का स्वागत किया है। हालांकि उन्होंने जदयू के विरोध व वॉकआउट पर कुछ भी बोलने से इनकार किया। उनहोंने कहा कि हर पार्टी का अपना स्टैंड है। उन्होंने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है और मुस्लिम बहनों की जीत हुई है। उनहोंने कहा कि इस बिल को धर्म के आधार पर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सती प्रथा को समाप्त करने के लिए राममोहन राय को भी काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व के लगभग दो दर्जन मुस्लिम देशों में तीन तलाक अवैध है।
जदयू का है अपना स्टैंड
सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि जड़ जमा चुकी रूढिय़ों को समाप्त करने में समय लगता है। तलाक भी इसी श्रेणी में है। विधेयक इस कुप्रथा को दूर करने के लिए लाया गया है। लेकिन, जदयू की समझ है कि इसके लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। पार्टी इस विधेयक से असहमत है। उन्होंने सदन में कहा कि जदयू इस विधेयक का न समर्थन करेगा न इसके पक्ष में अपनी राय देगा। सिंह ने कहा कि विधेयक के विरोध की कुछ वजह है। इसकी पृष्ठभूमि भी है। हर पार्टी की अपनी विचारधारा होती है। पार्टी को स्वतंत्रता है कि वह उस विचारधारा पर आगे बढ़े। उसे लागू करे।
महिलाओं के सम्मान का रास्ता हुआ प्रशस्त : मंगल
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राज्यसभा में पास तीन तलाक बिल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस बिल के पास होने से महिलाओं के सम्मान का रास्ता प्रशस्त हुआ है। यह बिल देश की एक सामान्य महिला की लड़ाई है, न कि राजनीतिक बिल है। दोनों सदनों में बिल पास कराने में सफल रहने पर एनडीए सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश की करोंड़ों महिलाओं को बधाई देते हुए पांडेय ने कहा कि अब महिलाएं न सिर्फ अपने आपको सुरक्षित समझेंगी, बल्कि समाज में महिलाओं के सम्मान की रक्षा होगी।
राजद ने किया विरोध
तीन तलाक बिल का राजद ने विरोध किया है। इस संबंध में राज्यसभा सांसद व पार्टी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि सरकार लोकतंत्र का जनाजा निकाल रही है और इस जनाजे में हमलोग शामिल हो रहे हैं। वहीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष मो. कारी सोहैब ने कहा है कि जदयू अगर सदन का बहिष्कार नहीं करके बिल के खिलाफ वोट करता तो भाजपा को दिक्कत आती। कारी सोहैब ने कहा कि जदयू का सांप्रदायिक चेहरा सामने आ गया है। तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश होने के पहले नीतीश कुमार ने कहा था कि उनकी पार्टी दोनों सदनों में इस बिल का विरोध करेगी, किंतु जब वक्त आया तो जदयू अपने वादे से मुकर गया और विरोध करने के बजाय सदन का बहिष्कार कर दिया। इससे सीधे तौर पर भाजपा को फायदा हुआ और बिल पास कराना आसान हो गया। दूसरी ओर, हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने भी कहा कि तीन तलाक बिल पर जदयू ने अघोषित रूप से बीजेपी को साथ दिया।
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