पटना AIIMS में बिना अॉपरेशन के कराएं ब्रेन हैमरेज का इलाज, जानें इस बीमारी का कारण
पटना एम्स में ब्रेन हैमरेज का इलाज अब बिना अॉपरेशन के हो सकेगा। दिल्ली के बाद पटना में अत्याधुनिक मशीनों से पेशेंट को इस सुविधा का लाभ मिलेगा।
पटना, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना (एम्स) के न्यूरो सर्जरी विभाग में ब्रेन हैमरेज एवं स्ट्रोक (दिमाग की नस में खून का थक्का जमना) का अत्याधुनिक तरीके से उपचार होगा। संस्थान में माइक्रोस्कोपिक लेजर तकनीक एवं बिना ऑपरेशन जैसे इंडोवैस्कुलर तकनीक द्वारा चिकित्सा आरंभ हो गई है। इससे मरीजों को ब्रेन हैमरेज के दौरान अलग-अलग विभागों में इमरजेंसी के दौरान नहीं भटकना पड़ेगा।
अब पटना एम्स में समय पर मरीजों का उचित इलाज संभव हो सकेगा। एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्राध्यापक डॉ. विकास चंद्र झा ने बताया कि ब्रेन से इंडोवैस्कुलर तकनीक (बिना ऑपरेशन) द्वारा थक्के को चार से पांच घंटे में निकाला जाता है। एक ही जगह इलाज नहीं मिलने से हमेशा मरीज के लकवाग्रस्त होने का खतरा बना रहता है। पटना एम्स में महज दो से तीन लाख रुपये में यह इलाज संभव है।
देश के चुनिंदा न्यूरो सर्जन ही कर रहे ऐसी सर्जरी
एम्स पटना के न्यूरो सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. विकास चंद्र झा ने बताया कि देश के चुनिंदा न्यूरो सर्जन ही इस पद्धति से उपचार कर रहे हैं। चंद दिनों में ही एम्स पटना में एक सौ मरीजों का उपचार इस तकनीक से किया गया है। इस अत्याधुनिक तकनीक को पटना एम्स में लागू कराने का श्रेय निदेशक डॉ. पीके सिंह को जाता है। वह हर विभाग में उच्च तकनीक को बढ़ावा देते हैं। एम्स पटना को नई ऊंचाई देने के लिए वह लगातार कार्य कर रहे हैं।
ब्रेन हैमरेज का मुख्य कारण
ब्रेन एन्यूरिज्म और खून का थक्का आदि का बनना ब्रेन हैमरेज का मुख्य कारण है। आजकल अलग-अलग विभागों में मल्टी मोडलिटी द्वारा इसका इलाज किया जाता है। इससे मरीजों का खर्च कई गुना बढ़ जाता है। एम्स पटना में उपचार होने से बिहार व आसपास के राज्यों के मरीजों को काफी लाभ मिलेगा।
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