आज बातें सिर्फ बागबान की
पटना । आज बातें बागबानों की होंगी। उनके सेहत की। उनके अधिकारों की। सुरक्षा की।
पटना । आज बातें बागबानों की होंगी। उनके सेहत की। उनके अधिकारों की। सुरक्षा की। उनके लिए बने कानूनों की। अवसर होगा दैनिक जागरण बागबान क्लब के वार्षिकोत्सव का। होटल मौर्या के अशोक हॉल में आयोजित कार्यक्रम में राजनीतिक हस्तियां, अधिकारी, वरिष्ठ डॉक्टर, समाजसेवी व प्रबुद्ध नागरिक शिरकत करेंगे। इनके साथ बड़ी संख्या में जागरण बागबान क्लब के सदस्य व बुजुर्ग भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल रामनाथ कोविंद जबकि विशिष्ट अतिथि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय चौधरी होंगे। पारस एचएमआरआइ हॉस्पिटल कार्यक्रम का हेल्थ केयर पार्टनर है। हॉस्टिपल के एमडी डॉ. धर्मेन्द्र नागर भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
बुजुर्गो के अधिकारों पर चर्चा
कार्यक्रम के पहले सत्र में बुजुर्गो की सामाजिक सुरक्षा व कानूनी मुद्दों पर पैनल डिस्कशन होगा। इसमें पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील रमाकांत शर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी व समाजसेवी रहेंगे। इस सत्र में बुजुर्ग भी गेस्ट से सवाल-जवाब कर सकेंगे।
हंसने-हंसाने का भी इंतजाम
कार्यक्रम में बुजुर्गो के मनोरंजन की भी व्यवस्था की गई है। खास बात ये की इसकी जिम्मेदारी भी बुजुर्गो पर ही होगी। बुजुर्ग हंसाएंगे भी और हंसेंगे भी। इसके तहत लघु नृत्य नाटिका के साथ कविता व हास्य कार्यक्रम की प्रस्तुति की जाएगी।
डॉक्टर देंगे हेल्थ टिप्स
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में बुजुर्गो के स्वास्थ्य पर परिचर्चा की जाएगी। इसमें पारस एचएमआरआइ हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टर बुजुर्गो को हेल्थ टिप्स भी देंगे। पैनल डिस्कशन में अस्पताल के डायरेक्टर जरनल डॉ. एए हई, ऑर्थोपेडिक के एचओडी डॉ. जॉन मुखोपाध्याय, कार्डियोलॉजी के एचओडी डॉ. प्रमोद तथा सर्जिकल आंकोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राजीव शरण मौजूद रहेंगे।
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मुख्यमंत्री व राज्यपाल के हाथों हुई थी स्थापना
जागरण बागबान क्लब का गठन 28 फरवरी 2014 को तत्कालीन राज्यपाल डॉ. डीवाई पाटिल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में हुआ था। 19 अप्रैल को क्लब के कार्यकारिणी परिषद के गठन की औपचारिक घोषणा हुई। 2016 में क्लब की नई कार्यकारिणी का गठन हुआ। इसके बाद क्लब की ओर से लगातार परिचर्चा, स्वास्थ्य शिविर, भजन संध्या आदि का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। क्लब की स्थापना से पहले बुजुर्गो के हालात को समझने के लिए पटना व आसपास के विभिन्न इलाकों में 125 से अधिक चौपालें आयोजित की गई जिसमें बुजुर्गो की स्थिति पर चर्चा हुई।
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बागबान की चौपाल में उठाई गई 10 बातें
- बुजुर्गो की सामाजिक सुरक्षा और स्वाधीनता के लिए क्या कदम उठाये जाने चाहिए? इसमें सरकार की कितनी और क्या भूमिका हो सकती है?
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने स्थापना दिवस पर 'बुढ़ापा एवं स्वास्थ्य' थीम का स्लोगन दिया है- गुड हेल्थ ऐड्य लाइफ टू इयर्स। यह अपने देश में क्यों नहीं लागू हो सकता?
- क्या यह माहौल बनाना जरूरी हो गया है- रिटायर्ड बट नॉट टायर्ड?
- बुढ़ापा पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का क्या हश्र हो रहा है?
- इतनी बड़ी आबादी के जीने का अधिकार राजनीतिक मुद्दा क्यों नहीं?
- मां-बाप को अपने सिर की छत समझने की सोच के क्या कारण हैं?
- अलगाव के इस दौर में संबंधों के लिए मोहब्बत की प्रेरणा क्या हो सकती है?
- विकासशील या गरीब देशों में बुजुर्गो की स्थिति और खराब होने के क्या कारण हैं?
- हम क्यों भूल जाते हैं कि हमें भी एक दिन बूढ़ा होना है। हमें अपने बच्चों के सामने वह दृष्टांत प्रस्तुत करना होगा कि हमारा बुढ़ापा भी खराब न हो?
- ओल्ड एज होम, भारतीय अवधारणा नहीं। यूरोप में भी इसके सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहे। बुजुर्गो को अपनापन महसूस कराने के लिए क्या करना होगा?
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2014 में 28 फरवरी को हुई थी क्लब की स्थापना
2016 में हुआ क्लब की नई कार्यकारिणी का गठन
125 से अधिक चौपालें की गई आयोजित
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2050 में ऐसी होगी बुजुर्गो की दुनिया
22 फीसद हो जाएगी दुनिया में बुजुर्गो की आबादी
02 अरब के लगभग होंगे बुजुर्ग दुनिया भर में
30 करोड़ बुजुर्गो की संख्या होगी सिर्फ भारत में
15 फीसद होगी बिहार की आबादी में हिस्सेदारी