CoronaVirus: नेपाल की मस्जिद से पकड़े गए तीन भारतीय कोरोना संदिग्ध, लखीसराय जंगल में भी खोज
CoronaVirus पूर्वी चंपारण सीमावर्ती नेपाल की एक मस्जिद से एक दर्जन लोग पकड़े गए हैं जिनमें तीन कोरोना संदिग्ध हैं। उधर लखीयराय के कजरा जंगल में कुछ अनजान चेहरे देखे गए हैं।
पटना, जागरण टीम। बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण के लिए जिम्मेदार माने जा रहे तब्लीगी जमात के दर्जनों सदस्य अभी भी जगह-जगह छिपे हुए हैं। उन्हें खोजकर कोरोना की जांच कराने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। इस बीच लखीसराय के कजरा स्थित जंगल में कुछ संदिग्ध देखे गए हैं। सीमावर्ती नेपाल की मस्जिदों में भी कुछ कोरोना संदिग्ध पकड़े गए हैं।
मस्जिद से धराए एक दर्जन लोग, तीन कोरोना संदिग्ध
नेपाल के पर्सा जिला (वीरगंज) में एक सप्ताह पूर्व छपकहिया मस्जिद से हिरासत में लिए गए दर्जनभर लोगों में तीन के कोरोना संदिग्ध होने की सूचना है। तीनों भारतीय बताए गए हैं। हालांकि, नेपाल प्रशासन यह नहीं बता रहा कि वे भारत के किस प्रदेश के हैं।
आइसोलेशन वार्ड में भर्ती, जांच रिपोर्ट का इंतजार
पर्सा के सहायक जिला प्रमुख अधिकारी ललित कुमार बस्नेत ने बताया कि भारत से आकर तीन लोग मस्जिद में छिपे थे। उन्हें नारायणी उप क्षेत्रीय अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया है। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनोज कुमार उपाध्याय ने बताया कि तीनों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट का इंतजार है।
लखीसराय जंगल में दिखे चार-पांच अनजान लोग
उधर, बिहार के लखीसराय जिले के कजरा जंगल में शनिवार की शाम ग्रामीणों ने कुछ अपरिचित लोगों को देखा। ग्रामीणों ने बताया कि चार-पांच लोग कुछ दिनों से इलाके में रह रहे थे। वहां के जनजाति समुदाय के लोगों ने जब उनसे पूछताछ शुरू की तो सभी शिवडीह गांव की तरफ भाग गए। राजघाट कोल के ग्रामीणों की सूचना पर शिवडीह के ग्रामीणों ने घेराबंदी कर उनमें से एक को कब्जे में किया।
ग्रामीणों ने एक को पकड़ा, शेष को खोज रही पुलिस
घटना की बाबत कजरा थानाध्यक्ष रंधीर कुमार ने बताया कि पकड़ा गया व्यक्ति नवादा का है। उसके अनुसार वह भटककर आ गया है। स्वजन उसे लेने आ रहे हैं। लेकिन थानाध्यक्ष यह नहीं बता सके कि जब वह व्यक्ति भटककर आ गया था तो उसके साथ देखे गए लोग कौन थे और वे जंगल में क्यों भाग गए? पुलिस के अनुसार भागे लोगों की खोज की जा रही है। उनके मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। हालांकि, ग्रामीणों का मानना है कि वे दिल्ली से लौटे तब्लीगी जमात के सदस्य हो सकते हैं।