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केंद्र की स्वदेश दर्शन योजना से जुड़े बिहार के तीन शहर, रामायण सर्किट में अयोध्या की तरह सीतामढ़ी भी

Ramayana Circuit Bihar केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की स्वदेश दर्शन योजना से बिहार के तीन शहर सीतामढ़ी बक्सर व दरभंगा जोड़े गए हैं। माता सीता की जन्‍मभूमि सीतामढ़ी का महत्‍व श्रीराम जन्‍मभूमि अयोध्‍या से कम नहीं हैं। आइए डालते हैं नजर।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 02:06 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 02:06 PM (IST)
रामायण सर्किट में शाहिल सीतामढ़ी का पुनौरा धाम। फाइल तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो। Ramayana Circuit Bihar केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत बिहार के तीन शहरों सीतामढ़ी (Sitamadhi), बक्सर (Buxar) और दरभंगा (Darbhanga) को चुना गया है। इन तीनों शहरों में केंद्रीय योजना के तहत मिलने वाली राशि से पर्यटन केंद्रों (Tourist Places) का विकास होगा। विदित हो कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में स्वदेश दर्शन योजना लांच की थी। इस योजना के तहत रामायण व सूफी समेत 15 सर्किंट (15 Circuits including Ramayana and Sufi Circuits) और 75 से अधिक योजनाओं को मंजूरी दी गई है। मंत्री नारायण प्रसाद ने यह जानकारी दी है।

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रामायण सर्किंट में बिहार के तीन शहर शामिल

योजना में रामायण सर्किंट (Ramayana Circuit) के अंतर्गत उत्तरप्रदेश (UP), बिहार (Bihar) समेत नौ राज्यों में 15 स्थानों की पहचान की गई है। इसमें स्वदेश दर्शन योजना के तहत बिहार के सीतामढ़ी, बक्सर और दरभंगा को शामिल किया गया है। इन तीनों ही शहरों का रामायण काल (Ramayana Era) से जुड़ाव माना जाता है। इनमें दरभंगा के गौतम कुंड (Gautam Kund), बक्सर के नदवा (Nadawa), भभहर (Bhabhahar), बड़का (Badaka) नुआंव (Nuaon) व चरित्र वन (Charitra Van) आदि को इसमें शामिल किए जाने की योजना है। सीतामढ़ी और दरभंगा की जहां माता सीता (Mother Sita) की धरती के रूप में मान्यता है, वहीं बक्सर के विश्वामित्र आश्रम (Vishwamitra Ashram) होने और ताड़का वध (Tadaka Vadh) से जुड़े होने की बात कही जाती है।

अयोध्या के बराबर माना जाता है सीतामढ़ी का महत्व

माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी को रामायण सर्किट में शामिल किए जाने से पर्यटन को गति मिलेगी तथा रोजगार भी बढ़ेगा। यहां के पुनौरा धाम, हलेश्वर स्थान और पंथपाकड़ को वर्ष 2018 में रामायण सर्किट में शामिल किया गया था। सीतामढ़ी का महत्व अयोध्या के बराबर माना जाता है। श्रीराम की भूमि अयोध्या से जनकपुर जाने वाले पर्यटक और श्रद्धालु पुनौरा धाम जरूर जाते हैं।

योजना के तहत होने वाले काम, एक नजर

- चुने गए सर्किट के आधार पर पर्यटन केंद्र में आधारभूत संरचना का विकास किया जाएगा।

- थीम के अनुसार ही पर्यटन केंद्रों की साज-सज्जा की जाएगी, पर्यटकों को सुविधाएं दी जाएंगी।

- चुने गए पर्यटन केंद्रों की स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, भोजन आदि को बढ़ावा दिया जाएगा।

- पर्यटन केंद्रों के आसपास के लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा, उन्‍हें जागरूक किया जाएगा।


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