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बिहार पंचायत चुनाव 2021: निवर्तमान जिप अध्यक्ष की उम्मीदवारी पर खतरा, पांच साल बनी रहेगी परेशानी

Bihar Panchayat Chunav 2021 बिहार पंचायत राज अधिनियम की धारा 142 में भ्रष्ट आचरण का दोषी पाए जाने पर चुनाव लड़ने पर पांच साल की रोक का प्रविधान है। निर्वाचन पदाधिकारी को यह शक्ति है कि वह ऐसे उम्मीदवार का पर्चा रद कर सकता है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 05:28 PM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 05:28 PM (IST)
भ्रष्ट आचरण का दोषी पाए जाने पर चुनाव लड़ने पर पांच साल की रोक का प्रविधान है। सांकेतिक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : सरकार द्वारा पद से हटाए जाने के बाद निवर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष अंजू देवी की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी पर खतरा पैदा हो गया है। बिहार पंचायत राज अधिनियम की धारा 142 में भ्रष्ट आचरण का दोषी पाए जाने पर चुनाव लड़ने पर पांच साल की रोक का प्रविधान है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जारी अधिसूचना में भी निहित शक्तियों के दुरुपयोग अथवा भ्रष्टाचार के आरोप में प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा पद से हटाए गए व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर रोक है। निर्वाचन पदाधिकारी को यह शक्ति है कि वह ऐसे उम्मीदवार का पर्चा रद कर सकता है। 

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पटना जिला परिषद परामर्शी समिति की अध्यक्ष अंजू देवी को पंचायत राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने 19 अगस्त को पद से हटाने संबंधित आदेश पारित किया था। आरोप लगाया गया कि उन्होंने जिला परिषद अध्यक्ष रहते लोक हित में दायित्वों का निर्वहन नहीं किया। उनपर समय पर बैठक नहीं बुलाने सहित कई अन्य आरोप भी थे। पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता श्रीप्रकाश श्रीवास्तव के अनुसार सरकार का आदेश समुचित साक्ष्य पर आधारित होना चाहिए। यदि सक्षम साक्ष्य के बिना किसी को पद से हटाया गया हो तो कोर्ट से उसे राहत मिल सकती है। कतिपय जिले में पंचायत प्रतिनिधि को पद से हटाने का सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगायी है। 

भरोसा कि फैसला पक्ष में आएगा


पटना की निवर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष अंजू देवी ने कहा कि जिला परिषद अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें हटाया गया है इसलिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होने का प्रविधान लागू नहीं होगा। सरकार की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। भरोसा है कि फैसला मेरे पक्ष में आएग। 

किस आरोप में हटाने का फैसला लिया यह महत्वपूर्ण


पटना के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सरकार ने किस आरोप में हटाने का फैसला लिया यह महत्वपूर्ण है। पंचायत राज अधिनियम की धारा 142 के प्रविधान और राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश को देखते हुए मार्ग दर्शन मांगकर नियमानुसार निर्णय लिया जाएगा। 


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