Move to Jagran APP

बिहार में टीईटी पास हजारों शिक्षक नहीं बन पाएंगे प्रधान शिक्षक, संघ ने सरकार से की है यह मांग

सेवाकाल में प्रशिक्षित शिक्षकों की राह में रोड़ा बनी शिक्षण अनुभव की अनिवार्यता। नियोजित शिक्षक संघ ने प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षण अनुभव की बाध्यता खत्म करने की मांग की। बीपीएससी के माध्‍यम की जानी है नियुक्ति

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 07:55 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 07:55 PM (IST)
बीपीएससी के माध्‍यम से होनी है प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 40518 प्रधान शिक्षकों की होने वाली नियुक्ति में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास पहली से पांचवीं कक्षा वाले अधिकांश शिक्षक छंट जायेंगे। ऐसे शिक्षकों की संख्या हजारों में है। बीपीएससी  (BPSC) के माध्‍यम से बहाली होने की पात्रता में खरा नहीं उतरने की वजह से ऐसा होगा। प्रदेश में प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पहली बार वर्ष 2011 में हुई। उसका परीक्षाफल वर्ष 2012 में आया। उस समय प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित दोनों ही कोटि के अभ्यर्थियों के टीईटी में बैठने का प्रविधान था। इस प्रविधान के कारण टीईटी में प्रशिक्षित के साथ ही बड़ी संख्या में अप्रशिक्षित अभ्यर्थी शामिल हुए और उत्तीर्ण हुए। 

loksabha election banner

आठ वर्षों के शिक्षण अनुभव की अनिवार्यता

ऐसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया 2013 में शुरू हुई। पर, नियुक्ति होने वाले अभ्यॢथयों की संख्या कम ही रही। फिर वर्ष 2014 में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी नियुक्त हुए। बाद में अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण की व्यवस्था हुई। शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद उनकी ट्रेनिंग की परीक्षा हुई। विभिन्न सत्रों की परीक्षा में बैठे शिक्षकों का परीक्षाफल 2018 के बाद आया। ऐसे शिक्षक प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की बहाली के लिए होने वाली बीपीएससी की परीक्षा में बैठने हेतु इसलिए आवेदन नहीं कर पायेंगे क्‍योंकि प्रधान शिक्षक के लिए आठ वर्षों के शिक्षण अनुभव की अनिवार्यता है।

सरकार से बाध्‍यता समाप्‍त करने की मांग 

अप्रशिक्षित रहते हुए टीईटी उत्तीर्ण होकर पहली से पांचवीं कक्षा के शिक्षक, जिनकी ट्रेनिंग सवैतनिक अवकाश पर हुई, प्रधान शिक्षकों की बहाली इसलिए आवेदन नहीं कर पायेंगे कि उनके लिए शिक्षण अनुभव प्रशिक्षण की तिथि से माना जाना है। इसके मद्देनजर टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति में टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों के लिए शिक्षण अनुभव की बाध्यता समाप्त करने की मांग सरकार से की है। अब‍ सबकी नजरें सरकार की ओर टिकी हुई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.